सुराज सेवादल ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन, बिजली दर बढ़ाने से पहले निम्न बिंदुओं पर जांच करने की मांग, जानिए…

देहरादून। नए वित्तीय वर्ष में एक बार फिर प्रदेश में बिजली की दर बढ़ाने जा रही हैं, बिजली दर बढ़ने से आम जनता पर बोझ पड़ना तय माना जा रहा है, सुराज सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी ने जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेज कर बिजली विभाग पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए निम्न बिंदु पर जांच करने की मांग उठाई है, साथ ही जांच न किए जाने पर उग्र धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।

मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन

सेवा में,

माननीय मुख्यमंत्री जी, उत्तराखण्ड सरकार, देहरादून।

द्वाराः जिलाधिकारी महोदया, देहरादून।

महादेय,

मैं आपका ध्यान राज्य में बढ़ती हुई विद्युत दरें एवं राज्य की जनता के साथ छलावे की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। एक बार फिर नये वित्तीय वर्ष में फिर से विद्युत दरें बढ़ेंगी परन्तु एक बार उनके पीछे के कारणों को जानते हुए भी अनदेखा कर दिया जायेगा और आम जनता इस छलावे के साथ इसे फिर से स्वीकार कर लेगी और अपने को ढांढस बढ़ती हुई मंहगाई दर के नाम पर दे देगी। परन्तु महोदय ऊर्जा विभाग जिस प्रकार कार्यशील है वह एक महत्वपूर्ण कारण है जिससे बिजली के दाम आसमान छूते आ रहे है और आम जनता के लिये बिजली का उपयोग मेंहगा होता जा रहा है। दूसरी ओर कुछ लोग इसको धंधा बना मौज कर रहे है। यहाँ तक भी कहा जाता है कि इस समस्त पंडयत्र में नीचे से ऊपर तक सभी लोग सम्मिलित हैं। यदि वास्तव में उत्त्तराखण्ड देवभूमि में भाजपा को जीरो टालरेंस की नीति पर चलायमान है तो इसका प्रमाण निम्नलिखित बिन्दुओं पर अपने द्वारा कठोरतम कार्यवाही कर प्रदर्शित करें। अन्यथा की स्थिति में यह स्पष्ट होगा कि इस भ्रष्ट आचरण में सरकारी अमला भी सम्मिलित है और विवश होकर मैं इसके विरुद्ध प्रदर्शन करूंगा और आम जनता हो इस भ्रष्टाचार से जागरूक कराऊंगा।

महोदय निम्नलिखित कुछ बिन्दु आपके संज्ञान में लाना चाहता हूँ जोकि अप्रत्यक्ष कारण है बिजली के दामों में बढ़ोतरी और ऊर्जा विभाग में विस्तृत रूप से पाँव फैलाये हुए भ्रष्टाचार काः-

  1. बिजली के दामों में नियंत्रित करने के लिए नियामक आयोग का गठन विद्युत अधिनियम 2003 के अन्तर्गत हुआ है वह आज ऐसा प्रतीत होता है कि व्यवसाय का अड्डा बन गया हो। मेरे संज्ञान में लाया गया है कि यहाँ कुछ अधिकारी एवं सदस्य अत्यधिक भ्रष्ट है एवं जनरेटर व उद्योगपतियों से साठ-गाँठ कर मोटा पैसा कमा रहे है। जोकि एक गहनतम जाँच का विषय है। यह अचरज की बात है कि वर्षों व्यतीत होने के बाद भी नियामक आयोग के अध्यक्ष का पद सरकार ने रिक्त रखा हुआ है। मैं आपके संज्ञान में कुछ अधिकारी और कुछ ऐसे वादों को लाना चाहता हूँ जिसके बारे में मैं शीघ्र ही वाह्य जाँच / आडिट कराया जाना नितान्त आवश्यक है। मैसर्स भिंलगना पावर को गत वर्षों में भिन्न-भिन्न प्रकार से विधि विरुद्ध उनके प्रत्यावेदन को स्वीकार करते हुए करोडो का लाभ दिया गया है। इस प्रकार मोतीघाट हाइड्रेपावर को भी करोडो के लाभ प्रदान किये गये है। ऐसे कई चहेते जनरेटर है जिन्हे नियामक आयोग अपने लाड-प्यार से पुष्ट कर रहा है एवं उत्तराखण्ड की जनता उसका खर्चा उठा रही है। ऐसा बताया गया है कि अन्य अधिकारियों के साथ इन प्रकरणों में आयोग के सचिव व निदेशक श्री रजनीश माथुर संलिप्त है। जो इससे भी विदित है कि इस चहेते लोगों के प्रकरण एक ही निदेशक द्वारा देखे जा रहे है। हाल-फिलहाल में एक सदस्यसेवानिवृत हुए है फिर भी वह जाते-जाते एक ऐसे आदेश मैसर्स भिलंगना के पक्ष में करकें गये है जोकि देखने से ही अविश्वसनीय प्रतीत होता है। इस प्रकार का नीतिविरूद्ध आदेश मैम्बर विधि के द्वारा भी हस्ताक्षरित किया गया। यह अपने आप में एक प्रश्नचिन्ह खडा करता है इस प्रकार से करोडो रूपये बांटे जाएगें तो इसका भार अवश्य ही उत्तराखंड की जनता पर विद्युत दर बढोत्तरी के रूप में पड़ेगा।

सम्भव है कि बिना किसी आपत्ति के जल विद्युत निगम के संयंत्रों से 10-15 रूपये में बिजली ली जा रही है जबकि एलएण्डटी जैसे जनरेटर से 4.25 रूपये में भी बिजली नही ली गई इस प्रकरण में कई अधिकारियों का राज्य को नुकसान पहुंचाने में योगदान रहा जिसकी जाँच होनी आवश्यक है। ऐसी गतिविधियों को प्रोत्साहन तब मिलता है जब जानबूझकर ऐसे कार्यों को सम्पादित करने के लिये कमेटिया एवं अन्य संस्थाओं का विवेकहीन तौर से गठन होता है। जैसा की पकाश में आया है कि सचिवालय में ऊर्जा सैल का गठन हुआ है जिसके मुख्यः अधिकारी जल विद्युत निगम के ही है। यह अचरज की बात है कि उपाकालि व पिटकुल का कोई भी सदस्य इस सैल में सदस्य नहीं है ।

महोदय इस स्तर पर अभी मैने आपके संज्ञान में कुछ तथ्य लाये है कि इस आशा के साथ कि आप अवश्य ही इन विषयों पर गम्भीरता प्रकट करते हुए कार्यवाही करेगें और पूर्ण सिस्टम में सर्वव्याप्त भ्रष्टाचार व भाई-भतीजावाद का अंत करेगे आपके द्वारा मेरे इस प्रत्यावेदन पर भी की गई कार्यवाही से यह स्पष्ट होगा कि आप भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस के विरूद्ध कितने संजीदा है। आपके द्वारा की गई सकारात्मक कार्यवाही मुझे प्रोत्साहित करेगी कि मैं भविष्य में अन्य ऐसे गम्भीर प्रकरण आपके संज्ञान में लाऊ अन्यथा मैं विवश होकर ऊर्जा निगमों के आम जनता के समक्ष इन बिन्दुओं को ले जाकर सर्वव्यापी घोर भ्रष्टाचार को उजागर करूंगा। जिससे राज्य की आम जनता कृत्यों की वजह से विद्युत दरों का बोझ न उठाना पड़े।

भवदीय

(हिमांशु धामी) सुराज सेवा दल

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