आर्य वानप्रस्थ आश्रम में सम्मान समारोह का किया गया आयोजन…

हरिद्वार। आज दुनिया के विभिन्न देश भारतीय वैदिक संस्कृति व संस्कारों के प्रति प्रभावित हो इस संस्कृति व संस्कारों को आत्मसात करने के लिए उत्साहित होकर हमारी ओर देख रहे हैं। यह उदगार डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश सेवानिवृत्त जिला जज वाराणसी ने आर्य वानप्रस्थ आश्रम के सभागार में आयोजित माता लीलावती आर्य भिक्षु परोपकारिणी न्यास द्वारा आयोजित सम्मान समारोह मे बतौर मुख्य अतिथि समारोह मे उपस्थित अतिथियों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।
विदित हो कि डॉ. कृष्ण विश्वेश ने वाराणसी जिला न्यायालय में ज्ञानवापी मामले मे ऐतिहासिक निर्णय देते हुए वहां पर पूजा करने सम्बंधित निर्णय दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी वैदिक संस्कृति व शिक्षा वैज्ञानिक प्रमाणिक तथ्यों से परिपूर्ण है। आज इस बात की आवश्यकता है की हम सभी तथा हमारी युवा पीढी अपनी गौरवशाली वैदिक ज्ञान व संस्कारों को आत्मसात करें। अपने इस सम्मान को उन्होंने भारतीय वैदिक संस्कृति व आर्यो को समर्पित किया।
इससे पूर्व यज्ञशाला मे यज्ञ के ब्रह्मा डॉ. महावीर अग्रवाल के सानिध्य मे यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए डॉ. जयेंद्र कुमार, विद्वता के क्षेत्र में स्वामी यतिदेव सेवाराम आर्य तथा माता लीलालती स्मृति पुरस्कार रश्मि आर्य को दिया गया।
इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरधारी लाल चंदवानी मंत्री डॉ. महावीर अग्रवाल, श्रीमती पूनम धर्मपत्नी डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश, कृष्ण कुमार चंदवानी, ज्ञानेश अग्रवाल, मधुसूदन आर्य, डॉ. महेंद्र आहुजा, प्रो. भारत भूषण विद्यालंकार, सत्य प्रकाश त्यागी, कपिल त्यागी, डॉ. सुनैना अग्रवाल, प्रेमलता, डॉ. योगेश शास्त्री, राजकुमार एडवोकेट, विजय पाल बघेल सहित विभिन्न लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अन्त मे गिरधारी लाल चंदवानी ने आभार व्यक्त किया।

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