ट्रांसपोर्ट पर्यटन उद्योग से जुड़ी संस्थाओं के पदाधिकारियों ने की आपात बैठक, जानिए कारण…

हरिद्वार। उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान उत्तराखंड शासन द्वारा बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री में आने वाले तीर्थ श्रद्धालुओं की गई निर्धारित सीमित संख्या के विरोध में गुरुवार को ट्रांसपोर्ट पर्यटन उद्योग से जुड़े अन्य संस्थाओं के पदाधिकारी ने उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी महासंघ के प्रदेश संरक्षक संजय चोपड़ा की अध्यक्षता में बेलवाला स्थित पंचपुरी ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसो. के कार्यालय पर बैठक आयोजित कर उत्तराखंड शासन मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से संयुक्त रूप से ईमेल द्वारा अपनी पांच सूत्रीय मांग की गई, जिसमें हेलीकॉप्टर बुकिंग रेलवे की तर्ज पर जिसका टिकट उसकी यात्रा का नियम लागू किए जाने के साथ चारों धामों में तीर्थ यात्रियों की सीमित संख्या पर प्रतिबंध हटाए जाना, पुराने मॉडल की सवारी गाड़ियों को चारधाम यात्रा में अनुमति दिया जाना, सवारी गाड़ियों की फिटनेस निजी कंपनियों से हटाई जाने के साथ शासन स्तर पर ट्रांसपोर्ट पर्यटन उद्योग आयोग का गठन किए जाने की मांग को प्रमुखता से दोहराया।इस अवसर पर उत्तराखंड टैक्सी-मैक्सी महासंघ के संरक्षक संजय चोपड़ा ने कहा कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान उत्तराखंड शासन द्वारा जल्दबाजी में ट्रांसपोर्ट पर्यटन उद्योग पर नए नियम लागू करने से पूर्व सभी ट्रांसपोर्ट पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यवसाईयों को आमंत्रित कर परिचर्चा के साथ खुले मंच के माध्यम से विचारों का आदान प्रदान किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के प्राचीन स्थलों, मठ-मंदिरों में डेस्टिनेशन वेडिंग करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं वही उत्तराखंड शासन के अधिकारी अपनी मनमानी पर उतारू हैं जोकि न्यायपूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट पर्यटन उद्योग की पांच सूत्रीय मांगों को लेकर शीघ्र ही एक बड़ी आम सभा का आयोजन कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। उत्तराखंड टूर एंड ट्रेवल्स एसो. के अध्यक्ष उमेश पालीवाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में ट्रांसपोर्ट पर्यटन उद्योग के माध्यम से लाखों परिवारों की आजीविका संचालित होती है ऐसे में जल्दबाजी में नियम कानून लागू किया जाना अन्याय पूर्ण सा प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या पर प्रतिबंधित किए जाने के तुगलकी फरमान को यदि शासन द्वारा वापस नहीं लिया गया तो शीघ्र ही चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किए जाएंगे। बैठक में सम्मलित हुए ट्रांसपोर्ट पर्यटन उद्योग से जुड़ी संस्थाओं के पदाधिकारी में सुनील कुमार जायसवाल, प्रधान सोम चौहान, बबलू ठाकुर, सरदार इकबाल, सिंह, शम्मी खुराना, विवेक चौहान, अनिल कश्यप, गुरचरण सिंह, हरीश चौहान, संजय, मोहनलाल, राजेंद्र बिष्ट, शंकर रावत, बलवीर सिंह आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

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