कम ब्याज का लोन दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी, आइटीबीपी जवान की पत्नी से ठगे ₹49000, ज्वालापुर पुलिस ने दुष्कर्म मामले में लगाई एफआर, कोर्ट ने की निरस्त…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

01. हरिद्वार थाना सिडकुल क्षेत्र में डेंसो चौक पर रहने वाले राजेंद्र कुमार प्रजापति से मुद्रा ऋण योजना में 1400000 रुपए का कम ब्याज पर लोन दिलवाने का झांसा देकर 02 लाख 91 हजार रुपए की ठगी कर ली गई है। पुलिस के अनुसार राजेंद्र कुमार ने बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते उसे लोन की आवश्यकता थी, उसकी मुलाकात अश्वनी कुमार से हुई जिसने उन्हें कम ब्याज पर ऋण दिलाने का झांसा देते हुए उनकी मुलाकात बैंक अधिकारी बना कर करतार, मीनाक्षी और नीरज से कराई, जिन्होंने लोन दिलाने के नाम पर उनसे ₹291000 भी ले लिए और लोन नहीं कराया, जब उनसे संपर्क किया तो उल्टा वह बदसलूकी और जान से मारने की धमकी देने लगे, पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

02. हरिद्वार ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र में पीएससी रोड में रहने वाली दीपा रतूड़ी से साइबर ठगों ने ₹49000 की ठगी कर ली है। दीपा के पति आइटीबीपी में जवान हैं, पति मनमोहन सिंह वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में तैनात हैं। दीपा को एक फोन आया और उसने अपने आपको उनके पति का दोस्त बताते हुए कहा कि उन्हें उनके पति के कुछ पैसे देने थे जो मैं आपको गूगल पर के द्वारा भेज रहा हूं जैसे-जैसे वह व्यक्ति दीपा को फोन में ऐप इंस्टॉल करने के लिए बोलता गया वह करती गई। दीपा के खाते में पैसे आने के बदले उल्टे 49000 रुपए ठगों ने ठग लिए हैं पीड़िता की शिकायत पर ज्वालापुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

03. हरिद्वार दुष्कर्म पीड़िता के मामले में ज्वालापुर पुलिस द्वारा लगाई गई एफआईआर को कोर्ट ने निरस्त करते हुए दोबारा जांच करने के आदेश दिए हैं, कोर्ट ने ज्वालापुर पुलिस को फटकार भी लगाई है। दरअसल दुष्कर्म की पीड़िता ने बताया 2020 में उसकी तबीयत खराब थी किसी ने बताया कि उस पर भूत प्रेत का साया है उसके पिता ने उसकी मुलाकात धनपुरा निवासी फारूक से करवाई, फारुख ने तंत्र-मंत्र से भूत प्रेत उतारने का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया, तांत्रिक की करतूत पीड़िता ने अपनी मां को बताई और फिर पुलिस में सुनवाई ना होने के चलते कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर मुकदमा दर्ज कराया था। ज्वालापुर पुलिस ने पीड़िता का ना तो मेडिकल करवाया और ना 164 के बयान दर्ज करवाए और फाइनल रिपोर्ट लगा दी जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दोबारा जांच के आदेश दिए हैं।

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