एसएमजेएन काॅलेज में तीन दिवसीय सतत विकास लक्ष्य कार्यक्रम का समापन…
हरिद्वार। एसएमजेएन काॅलेज के व्याख्यान कक्ष में आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ तथा अर्थशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सतत् विकास लक्ष्य की आठवीं वर्षगांठ पर तीन चरणों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
प्रथम चरण में सतत विकास लक्ष्य ‘भारत में सतत विकास लक्ष्य’ विषयक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 17 लक्ष्यों के बारे में छात्र-छात्राओं को अवगत कराया गया, द्वितीय चरण में विषय से सम्बन्धित आनलाईन प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया जिसमें कु अक्षरा और प्रियांशी ने प्रथम, कनिष्का मेहता, प्रियांशी पंत व निकिता ने द्वितीय तथा दिव्या कश्यप, सौरभ सैनी, तनीषा जैन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
सतत् विकास लक्ष्य के तीसरे चरण में समूह संवाद (ग्रुप डिस्कशन) का आयोजन किया गया जिसमें पिंकी वर्मा, भावेश, प्रेरणा, निशि के समूह ने प्रथम स्थान, साक्षी स्मिता, दिव्या, अक्षरा के समूह ने द्वितीय स्थान व विशाल, अमन, प्रियांशी, तनीषा के समूह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। भावेश और अक्षरा संयुक्त रूप से श्रेष्ठ वक्ता के रूप में चयनित किये गये। उक्त जानकारी देते हुए अर्थशास्त्र विभाग की श्रीमती रूचिता सक्सेना ने बताया कि समूह चर्चा कार्यक्रम में लिंग समानता, महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार रखे। पृथ्वी संरक्षण पर विचार रखते हुए प्रतिभागियों ने पृथ्वी को क्षति पहुंचाने वाले तत्वों का प्रयोग कम करना चाहिए और पर्यावरण सुरक्षा के लिए विश्व स्तर पर कार्यक्रम चलाने होंगे। युवाओं को सतत विकास लक्ष्य में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी, गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करना, भूखमरी की समस्या, साक्षरता, बाल मजदूरी आदि मुद्दों पर चर्चा की।
इस अवसर पर समस्त प्रतिभागियों व विजयी प्रतिभागियों को प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने अपनी शुभकामनायें प्रेषित की। उन्होंने भूमि, जल, जंगल, पर्यावरण व जमीन को सुरक्षित रखने हेतु अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये। डॉ बत्रा ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण अपरिहार्य है जिसके बिना सतत् विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना असम्भव है। उन्होंने कहा कि लिंग समानता में घरेलू महिलाओं के कार्य का भी मौद्रिक मूल्याकंन होना आवश्यक है। प्रो. बत्रा ने तीन दिवसीय सतत विकास लक्ष्य कार्यक्रम के सफल समाप्ति पर अर्थशास्त्र विभाग की श्रीमती रूचिता सक्सेना, भव्या भगत, साक्षी गुप्ता का धन्यवाद प्रेषित किया।
प्रभारी आईक्यूएसी डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने सतत विकास लक्ष्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भुखमरी और गरीबी का मुख्य कारण बेरोजगारी और कार्यक्षमता का उचित भुगतान न होना है।
समूह संवाद में निर्णायक मण्डल की अहम भूमिका का निवर्हन राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष विनय थपलियाल तथा डाॅ. सरोज शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन अर्थशास्त्र विभाग की भव्या भगत व साक्षी गुप्ता द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. विनीता चौहान, डाॅ. मिनाक्षी शर्मा, डाॅ. पल्लवी राणा, डाॅ. वन्दना सिंह, मोहन चन्द्र पाण्डेय आदि सहित काॅलेज के छात्र-छात्रा उपस्थित थे।