फर्जी दस्तावेजों के आधार पर महाविद्यालय पर कब्जा करने के आरोप में प्रभारी प्राचार्य गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला…

हरिद्वार। शहर कोतवाली पुलिस ने भगवानदास संस्कृत महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य निरंजन मिश्र को गिरफ्तार किया है, उन पर फर्जी दस्तावेज बनाकर महाविद्यालय को कब्जा करने के आरोप लगे हैं। इस मामले में अन्य 06 शिक्षक भी नामजद हैं जिसमें उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति महावीर अग्रवाल भी आरोपी है।

शहर कोतवाली इंस्पेक्टर राजेश शाह ने बताया कि ज्वालापुर कोतवाली में 14 जून 2019 को अवधूत मंडल आश्रम के पीठाधीश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि 17 नवंबर 1965 को श्री भगवानदास संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना हुई थी, जिसमें गुरु चरण दास, गोविंद प्रसाद, स्वामी हंस प्रकाश, लाला भगवान दास कत्याल, हरेंद्र कुमार कत्याल, नरसिंह दास सोंधी एवं फूल स्याल को पदाधिकारी व सदस्य मनोनीत किया गया था। प्रबंध कार्यकारिणी वर्ष 1965 से लेकर 1985 तक सुचारू रूप से कार्य करती रही।

उन्होंने भोला झा तत्कालीन प्रधानाचार्य और महावीर अग्रवाल तत्कालीन अध्यक्ष व शैलेश तिवारी पर आपस में षड्यंत्र रच कर 1985 से 2018 तक श्री भगवानदास संस्कृत महाविद्यालय प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम समिति के संविधान के विरुद्ध बिना किसी कार्रवाई के पदाधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर कर समिति को बदल दिया, जिसके बाद से पुलिस जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद इस मामले में पहली गिरफ्तारी प्रभारी प्राचार्य निरंजन मिश्र की की गई है।

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