सुबोध राकेश हुए हाथी पर सवार। भाजपा और भाभी के सामने खड़ा कर दिया संकट, जानिए…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

भगवानपुर / हरिद्वार। जनपद की भगवानपुर सीट से 2017 में भाजपा के उम्मीदवार रहे सुबोध राकेश ने रविवार को बीजेपी छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया है। चुनाव से पहले सुबोध राकेश ने बीजेपी को जहां बड़ा झटका दिया है वहीं दूसरी तरफ कॉन्ग्रेस विधायक अपनी भाभी ममता राकेश के सामने भी बड़ा संकट पैदा कर दिया है। सुबोध राकेश के बसपा में शामिल होने के बाद भगवानपुर सीट पर चुनावी समीकरण बदल गए हैं। सुबोध राकेश के भाजपा छोड़ने के बाद अब बीजेपी को इस सीट पर दमदार चेहरे की तलाश करनी होगी। बीजेपी के उम्मीदवार का नाम सामने आने के बाद ही तय हो पाएगा कि इस सीट पर इस बार देवर भाभी के बीच ही मुकाबला होगा या फिर मुकाबला त्रिकोणीय रहेगा।

हरिद्वार की भगवानपुर सीट बसपा की सीट मानी जाती रही है। इस सीट पर 2002 से तीन बार बसपा के प्रत्याशी जीते हैं दिवंगत कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद उनकी पत्नी ममता राकेश उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट से जीती थी और बाद में ममता राकेश कांग्रेस के टिकट पर 2017 में भी जीती थी। उनका मुकाबला अपने देवर सुबोध राकेश से हुआ था। सुबोध राकेश बीजेपी के टिकट से लड़े थे। हार-जीत का अंतर करीब ढाई हजार वोटों का रहा था। यह सीट कभी भी भाजपा के लिए मुफीद नहीं रही है। इस बार भाजपा को उम्मीद थी कि सुबोध राकेश 2017 में हार के बाद इस बार बीजेपी के कैडर मतदाताओ और सहानुभूति के दम पर इस सीट को भाजपा की झोली में डालेंगे। लेकिन चुनाव से पहले सुबोध राकेश ने बीजेपी छोड़कर इस सीट के चुनावी समीकरण ही बदल दिए हैं। सुबोध राकेश के बसपा में शामिल होने के बाद अब ममता राकेश की डगर भी इस सीट पर आसान नहीं रह गई है। इस सीट पर इस बार कॉन्ग्रेस या बीजेपी का कब्जा होगा या सीट बसपा के हाथों में जाएगी। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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