श्री गंगा सभा ने धूमधाम से मनाई देव दीपावली। ग्यारह हजार दीपों से जगमगाई हरकी पौड़ी, देखें दिव्य और अद्भुत वीडियो…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर देव दीपावली धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर हरकी पैड़ी पर हजारों दीप जलाने के साथ आतिशबाजी भी की गई। मान्यता है कि इस दिन देवता दीपावली मनाते हैं। पुराणों के अनुसार देव दिवाली के दिन ही भगवान विष्णु से बलीराजा से मुक्ति मिली थी और वह स्वर्ग पधारे थे, जिसके बाद सारे देवताओं ने दीप जलाकर खुशियां मनाई. इसलिए कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संख्या पर देव दिवाली मनाई जाती है.

श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने बताया कि हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड एक अलौकिक स्थान है. इस स्थान पर हजारों दीप जलने का दृश्य बहुत ही अद्भुत है.

वही अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि हमारे द्वारा अगले साल सभी मंदिरों और तीर्थ स्थलों में देव दीपावली बनाने का आग्रह किया जाएगा जिस तरह हर की पौड़ी पर आज देव दिवाली मनाई गई है उसी तरह हमारे धार्मिक स्थानों पर भी इसी तरह देव दिवाली बनाई जानी चाहिए।

देव दिवाली के मौके पर हरकी पैड़ी पर पहुंचे हजारों श्रद्धालु खुश नजर आए. श्रद्धालुओं का कहना है कि हरकी पैड़ी पर आकर उन्हें का काफी अच्छा लगा. ऐसा नजारा उन्होंने पहली बार देखा है।

आज देव दीपावली है ,यानी देवतायों द्वारा मनाई जाने वाली दीपावली ,आज ही के दिन देवतायों ने दीपावली मनाई थी और सरोवरों ,नदियों में और पवित्र नदियों के किनारे दीपदान किया था ,देवतायों ने दीपदान कर भगवान शंकर की प्रसन्नता के लिए दीप दान किया था आज ही हरिद्वार में मा गंगा के विभिन्न तटों पर देवदीपावली मनाई जा रही है ,बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र गंगा के तटों ऑयर दीप दान कर और दीप प्रज्जवलित कर देव दीपावली मना रहे है ।देव दीपावली पर तटों पर दीप जलाए जाने से घाट रोशन हो उठे है ।ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने आज ही के दिन त्रिपुरासुर राक्षस की तीनो पुत्रों का वध किया था जिसके बाद राक्षसों के भय से नदी और सरोवरों के छिपे सभी देवी और देवता मुक्त हो सके जिसके बाद देवी देवतायों ने भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए नदियों सरोवरों में और पवित्र नदियों के तटों पर दीपदान किया था और देव दीपावली मनाई थी और आज के दिन श्रद्धालु गंगा तटों पर दीप जलाकर और दीपदान करके मानते है कि वे भी देवतायों के साथ दीपावली मना रहे है ।

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