(सेवा) कावड़ियों की सेवा में 38 साल से कांवड़ सेवा दल सीतापुर चला रहा है नि:शुल्क भंडारा, कढ़ी-पकौड़ा, पूड़ी-सब्जी, चाय के साथ यह है व्यवस्था, जानिए…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

धर्मनगरी हरिद्वार। सावन के पवित्र महीने में धर्म नगरी हरिद्वार से चलने वाली पवित्र कावड़ पैदल यात्रा अपने चरम पर पहुंच गई है, देश के कोने-कोने से आए शिवभक्त कावड़िए गंगाजल लेकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हो रहे हैं, अभी तक 30 लाख कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गंतव्य की ओर जा चुके हैं। कांवड़ लेने आने वाले कांवड़ियों को भोजन कराकर उनकी सेवा में पिछले 38 साल से कार्यरत कांवड़ सेवा दल सीतापुर, ज्वालापुर द्वारा इस साल भी कांवड़ मार्ग पर नि:शुल्क भंडारे का आयोजन किया जा रहा है ।

कांवड सेवादल सीतापुर द्वारा नहर पटरी पर लगाए गए नि:शुल्क भंडारे में कांवड़ियों के लिए 24 घंटे खाने-पीने का इंतजाम किए गए हैं, बड़ी संख्या में कांवड़िए भंडारे में पहुंचकर भोजन कर रहे हैं, इतना ही नहीं भोजन करने के बाद कांवड़ियों के आराम करने के लिए भी बड़ा पंडाल लगाया गया है, भंडारे में कांवड़ियों के लिए कढ़ी, चावल पूरी, सब्जी के साथ-साथ चाय, पकौड़े के नाश्ते का भी इंतजाम किया जा रहा है।

पिछले 38 सालों से भंडारा लगा कर कांवड़ियों की सेवा कर रहे कांवड़ सेवा दल सीतापुर के प्रबंधक राजेश चौहान ने बताया कि उनके दल द्वारा पिछले 38 सालों से शिव भक्तों की सेवा करने के लिए यह नि:शुल्क भंडारे का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सुबह नाश्ता, दिन में भोजन, फिर शाम को चाय नाश्ता और रात को भोजन कराया जाता है, उनके आराम के लिए भी अलग से एक पंडाल बनाया हुआ है, इतना ही नहीं व्रत रखने वाले भक्तों के लिए भी अलग से फलों का इंतजाम किया गया है, एक दिन में करीब 15 हजार कांवड़िए भोजन कर रहे है।

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