महंत रघु मुनि महाराज ने एक साथ सभी को दिया करारा जवाब, क्या महंत, क्या संत और क्या पूर्व विधायक, किसी को नहीं छोड़ा, जानिए…

हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में संतो के बीच चल रहे विवाद, अनर्गल बयान बाजी और आरोपों का आज महंत रघुमुनि महाराज और कोठारी महंत दामोदर दास महाराज ने कनखल स्थित अखाड़े में प्रेस वार्ता आयोजित कर सभी आरोप का जवाब दिया,साथ ही अखाड़े के संतो और महामंडलेश्वर से गरिमा में रहने की नसीहत दी,।

आज अखाड़े के महामंडलेश्वर व अन्य संतों द्वारा लगातार की जा रही अनर्गल बयान बाजी पर उन्हें नसीहत देते हुए महंत रघु मुनि महाराज ने अखाड़े में चल रहे विवाद पर विस्तार से अपनी बात रखते हुए कहा कि उनकी पश्चिम पंगत और भेख के संतों ने उन्हें कोर्ट में जाने को कहा था और हम तीनों महंतो की गलत कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट गए थे, जहां पर हमने अपने अखाड़े का सविधान दिखाया, कोर्ट ने हमारी भी सुनी और उनकी भी सुनी, उसके बाद कोर्ट ने हमारे पक्ष में निर्णय देते हुए इस कार्रवाई को स्थगित करते हुए स्टे कर दिया था।

कोर्ट से मुंह की खाने के बाद दुर्गादास गुट के द्वारा लगातार अनर्गल बयानबाजी शुरू कर दी गई है जिन आरोपों को वे लगा रहे हैं उनका कोई आधार नहीं है और ना ही कोई सिर पैर है दुर्गादास मीडिया में चिल्ला चिल्ला कर कहते हैं कि अखाड़े में भू माफिया का दखल है तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वह भी अखाड़े में रहते हैं और हम भी अखाड़े में रहते हैं आखिर वह भूमाफिया कहां हैं, उनका आरोप है कि हमने भूमाफिया को जमीन बेची है, जिस पर महंत रघु मुनि ने कहा कि आरोप तो प्रधानमंत्री पर भी लगते हैं लेकिन आरोप लगाना बहुत आसान है उसे साबित करना बहुत मुश्किल है अगर कोई हमने जमीन बेची है तो दुर्गादास उस जमीन के कागज दिखाएं और मीडिया को ले जाकर मौके पर दिखाए जिस जमीन को माफिया को बेची गई है। उन्होंने कहा कि मीडिया में इस तरह की गलत बयानबाजी करके वह बड़ा अपराध कर रहे हैं।

Pm को लिखे पत्र पर सुनाई खरी खोटी।

दुर्गादास द्वारा एक लेटर देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखा गया है। जिसमें कई अनर्गल आरोप लगाते हुए जांच की मांग की गई है, रघु मुनि महाराज ने कहा कि जिस जमीन को वह नेता को लीज पर देने की बात कह रहे हैं, वह जमीन अखाड़े के श्री महंत महेश्वर दास, तत्कालीन कोठारी महंत मोहनदास, सुखदेव मुनि,जयेंद्र मुनि और प्रेमदास द्वारा दी गई थी। जिसका प्रस्ताव भी पास किया गया था, मजे की बात यह है कि जमीन देने वाली ही अब जांच की मांग कर रहे हैं मैं भी उनके पत्र का समर्थन करते हुए उसकी जांच की मांग करता हूं उन्होंने कहा है कि इस चिट्ठी पर हम कोर्ट में जाएंगे और न्यायपालिका से इसकी जांच करवाएंगे।

महामंडलेश्वर को सिखाए शिष्टाचार का पाठ

अखाड़े के एक महामंडलेश्वर द्वारा की जा रही बयानबाजी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि उन को इस कुंभ में ही महामंडलेश्वर बनाया गया है, मैं बता दूं कि दो या तीन महंत महामंडलेश्वर नहीं बना सकते बल्कि चार महंतों की सहमति से महामंडलेश्वर बनते हैं। उन्होंने महामंडलेश्वर को पद की गरिमा बनाए रखने की नसीहत दी है।

अकेले दुर्गादास नहीं है पंच परमेश्वर

स्थानीय महंत दुर्गादास को आड़े हाथ लेते हुए रघु मुनि महाराज ने कहा कि एक दुर्गादास पंचमेश्वर नहीं है सभी अखाड़े पंच परमेश्वर की परिभाषा जानते हैं। दुर्गादास अखाड़ों में जा जाकर बयान बाजी कर रहे हैं। पंच परमेश्वर को लेकर एक अखाड़े के सचिव द्वारा दिए गए बयान पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि अधिकतर सभी अखाड़ों में विवाद हैं वह अपने अखाड़े के विवाद देखें, जो बयान उन्होंने पंच परमेश्वर पर दिया है वह स्वीकार नहीं है उन्होंने उनसे बड़े अखाड़े में ना झांकने की अपील की है साथ ही उन्होंने कहा कि उनका बयान बर्दाश्त के काबिल नहीं है ।

गोविंद दास को बताई उसकी हैसियत

लगातार अखाड़े के महंत स्थानीय महंत गोविंददास सहित अन्य संतों द्वारा अनर्गल बयानबाजी करने पर उन्हें आड़े हाथ लेते हुए रघु मुनि महाराज ने कहा कि कोर्ट के बारे में बिना सोचे समझे अखाड़े के संत बोल रहे हैं जो कि मामला कोर्ट के अधीन है वह लगातार कोर्ट की अवमानना कर रहे हैं मैं उन पर कोर्ट की अवमानना का केस करूंगा, उन्होंने कहा कि वे लोग बार-बार कहते हैं कि मैं अखाड़े से चला जाऊं, मैं पश्चिम पंगत का महंत हूं और पश्चिम पंगत मेरे साथ खड़ी है वह जब कहेंगे तब मैं अखाड़े से चला जाऊंगा उन्होंने गोविंददास को अपनी भाषा सुधारने की चेतावनी दी है साथ ही उन्होंने कहा कि गोविंददास एक स्थानीय महंत है उसकी क्या हैसियत है कि वह हमें अखाड़ा छोड़ने की बात कहें, जब वक्त बदलेगा तो उसे ही अखाड़ा छोड़कर जाना पड़ेगा।

सीबीआई जांच का समर्थन

मोहनदास की सीबीआई जांच की मांग पर रघु मुनि महाराज ने कहा कि मोहनदास उनकी पंगत के संत थे उनके जाने से सबसे ज्यादा नुकसान मुझे हुआ था और अब यह लोग सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं उन्होंने सीबीआई जांच के साथ-साथ अन्य और भी कोई सक्षम एजेंसी से इस जांच कराए जाने का समर्थन किया है। इसके अलावा उन्होंने एक पूर्व विधायक की इस पूरे मामले में बढ़-चढ़कर हो रही भागीदारी पर भी कई सवाल खड़े किए हैं।

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