प्रधानमंत्री मोदी को लेकर सोशल साइट पर अभद्र टिप्पणी करने पर बुरे फंसे महाराज जी, हरिद्वार कोर्ट ने किया तलब, जानिए मामला

हरिद्वार के एडवोकेट अरुण भदोरिया ने तृतीय अपर सिविल जज न्यायालय हरिद्वार में स्वामी धर्म दत्त महाराज के खिलाफ पूज्य आदि शंकराचार्य के चेहरे को हटाकर उसे चेहरे के स्थान पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो को एडिट किया और उनके हाथ में शंकराचार्य जी वाला दंड दिखायाऔर स्वामी धर्म दत्त ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या में राम मंदिर पूजा को लेकर चुनावी राम लिखकर मर्यादित टिप्पणी की और उस को अपनी फेसबुक आईडी में पर वायरल किया ।जिसमे अरुण भदोरिया एडवोकेट सहित हिंदुस्तान के सनातन धर्म के मानने वालों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया इस संबंध में सबसे पहले धर्म दत्त महाराज को कानूनी नोटिस भेजा गया परंतु उनके द्वारा कोई भी जवाब न दिए जाने पर अरुण भदोरिया द्वारा न्यायालय में शरण ली गई जहां पर न्यायालय द्वारा वादी अरुण भदोरिया के बयान हुआ दो गवाहन के बयान दर्ज करने के पश्चात न्यायालय ने धर्मदत महाराज को न्यायालय में हाजिर करने के लिए धारा 153 अ ब 298 आईपीसी व 67 ए आईटी एक्ट में तलब किया है और अगली तिथि 17 .4.24 नित की गई है स्पष्ट है कि अब धर्म दत्त महाराज को शीघ्र न्यायालय हरिद्वार में हाजिर होना पड़ेगा और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पर गलत टिप्पणी करने पर और उनके चेहरे को आदि शंकराचार्य के चेहरे पर लगाकर नरेंद्र मोदी को चुनावी राम जैसी अमर्यादित टिप्पणी करने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है अपने वाद पत्र में वादी अरुण भदोरिया द्वारा न्यायालय में बताया गया कि महास्वामी श्रीमद् धर्म दत्त महाराज ने अपनी फेसबुक आईडी में 22 जनवरी में एक फोटो वायरल की जिसमें यह लिखा की विश्व के सबसे बड़े इवेंट चुनावी राम के सफलतम प्रयोग हेतु बहुत-बहुत खुशहाली बधाई और मोदी जी के लिए यह लिखा की परम ब्रह्म श्री राम शास्त्रीय मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे और इस बयान के साथ धर्म दत्त महाराज ने आदि शंकराचार्य जी की फोटो में उनके चेहरे को हटाकर चेहरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की फोटो को लगाया और फोटो में दंड को भी नरेंद्र मोदी के हाथ में दिखाया गया और नरेंद्र मोदी को चुनावी राम लिखकर आमर्यादित टिप्पणी की है ।

आदि शंकराचार्य जिनका जन्म केरल राज्य में सन 788 ईस्वी में हुआ था और 32 वर्ष की आयु में सन 820 में केदारनाथ में शरीर आदि शंकराचार्य जी द्वारा छोड़ दिया गया था, आदि शंकराचार्य जी जो की निराकार ब्रह्म को ही सत्य मन कर उन्हें की उपासना करते थे आदि शंकराचार्य द्वारा सनातन धर्म की प्रतिष्ठा के लिए भारत के चार क्षेत्रों में चार मठ स्थापित किया और शंकराचार्य पद की स्थापना करके अपने चार प्रमुख शिष्यों को आसीन किया जब शंकराचार्य जी की आयु केवल 2 वर्ष की थी तो वह धारा प्रवाह संस्कृत बोल व लिख लेते थे और 4 साल के होते-होते ही सभी वेदों का पाठ कर लिया गया था और 12 साल की आयु में संन्यास लेकर घर छोड़ दिया और 20 वर्षों में भारत के कोने-कोने की कई यात्राएं आदि शंकराचार्य जी द्वारा की गई इसमें अरुण भदोरिया एडवोकेट द्वारा आदि शंकराचार्य की आराधना करना खुद को बताया और यह भी बताया कि उनके सहित सभी सनातन धर्म को मानने वालों की धार्मिक भावनाएं पूज्य आदि शंकराचार्य जी से जुड़ी हुई है लेकिन धर्म दत्त महाराज ने फोटो एडिट करके धार्मिक भावनाओं को उकसाना और आघात पहुंचाना वाला मानते हुए कानूनी नोटिस 5 फरवरी 2024 में व्हाट्सएप मोबाइल नंबर पर धर्म दत्त महाराज को भेजा है जिसमें अरुण भदोरिया एडवोकेट ने 48 घंटे के अंदर अंदर स्पष्टीकरण की मांग की है कि क्यों ना आपके विरुद्ध उपरोक्त कृत्य के कारण संबंधित थाने में व न्यायालय में सिविल व फौजदारी अभियोग दर्ज कर दिया जाए और साथ ही उक्त कृत्य के लिए सभी सनातन धर्म के मानने वालों से और देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से भी सार्वजनिक रूप से समय याचना करें अन्यथा सक्षम न्यायालय में सक्षम कानूनी कार्रवाई किए जाने के लिए चेतावनी दी गई है और नोटिस धर्म दत्त महाराज के व्हाट्सएप और मेल आईडी पर भेजा गया है अत्यंत आश्चर्य की बात है कि अपने आप को विश्व गुरु भारत परिषद के अध्यक्ष खाने वाले धर्मगत महाराज का वायरल लेटर पैड प्रेस विज्ञप्ति में ना तो हस्ताक्षर है और ना ही उसे लेटर पैड पर महाराज का कोई पता ही लिखा है और ना ही यह महाराज किस अखाड़े से है यह भी नहीं लिखा है । जिस पर न्यायालय ने धर्मगत महाराज को 17 4 2024 में हाजिर होने के लिए आदेश पारित की है

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