स्वास्थ्य संबंधी कठिनाईयों में अव्यवस्थित जीवनशैली की बड़ी भूमिका -डॉ.संजय शाह।

हरिद्वार। विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 07 अप्रैल को हुई थी और इसी के साथ ‘‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’’ मनाने की शुरुआत भी हुई। दुनिया भर के सभी देशों में समान स्वास्थ्य सुविधाओं को फैलाने के लिए लोगों को जागरूक करना, स्वास्थ्य संबंधी मामलों से जुड़े मिथकों को दूर करना और वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर विचार करना और उन विचारों पर काम करना विश्व स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य है। इस दिन स्वास्थ्य सेवाओं, सुविधाओं और देखभाल संबंधी विषयों पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है।
उपरोक्त जानकारी देते हुये स्वामी विवेकानंद हैल्थ सोसायटी द्वारा संचालित स्वामी रामप्रकाश चैरिटेबल हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर व आईएमए हरिद्वार के पूर्व सचिव डॉ.संजय शाह ने बताया कि आजकल स्वास्थ्य से जुड़ी जो कठिनाईयां बढ़ रही हैं। इसके पीछे बेपरवाह और अव्यवस्थित जीवनशैली की बहुत बड़ी भूमिका है। इससे गैर-संचारी (एनसीडी) बीमारियों का सीधे तौर पर जोखिम जुड़ा हुआ है। जैसे कि मधुमेह, उच्च रक्तताप, ह्दयरोग और कुछ तरह के कैंसर आदि। इनमें खानपान के साथ-साथ पर्यावरणीय कारण भी जिम्मेदार होते हैं। वहीं डायबिटीज और हाइपरटेंशन के पीछे शारीरिक निष्क्रियता भी एक बड़ा कारण होती है। कार्यस्थलों पर लगातार कई घंटों तक बैठे रहने, पर्याप्त शारीरिक श्रम नहीं करना और खानपान में असंतुलन जैसे कारणों से लोग तेजी से मोटापे की जकड़ में आ रहे हैं। मोटापे से बीमारियों का सीधा संबंध है। मोटापा नहीं भी है, लेकिन जीवनशैली में शिथिलता है, तो भी डायबिटीज की आशंका रहती है। वसायुक्त या अस्वच्छ भोजन बीमारियों का कारण बन रहा है। कई संक्रामक बीमारियां भी खराब जीवनशैली के कारण विकराल रूप ले रही हैं।
डॉ.संजय शाह ने बताया कि स्वस्थ रहने के लिए रोजाना 08 घंटे की नींद जरूर पूरी करें। इससे आपका तनाव कम होगा। ब्रेन तेजी से काम करेगा और आप मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहेंगे। पूरे दिन व्यस्त रहने के बाद आराम करने के लिए व्यायाम एक शानदार तरीका है। हमें हर दिन कम से कम आधा घंटा व्यायाम अवश्य करना चाहिये। इसके अलावा स्वस्थ रहने के लिये घूमना, रस्सी कूदना, योग और एक्सर्साइज करें। इसके अलावा संतुलित भोजन लें, अपने खाने में ताजी सब्जियों और फाइबर युक्त भोजन को शामिल करें, साथ ही मौसमी फलों का सेवन जरूर करे। प्रत्येक भोजन समूह की सही मात्र के अपने आहार मे वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन में संतुलन रखना बेहद जरूरी है। एक संतुलित आहार में पेय भी शामिल है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हाइड्रेटेड रहने की जरूरत है। कैफीन और शुगर युक्त पेय को लेने से बचना चाहिए इसलिए पानी और प्राकृतिक जूस ही पिएं।
आईएमए के पूर्व सचिव डॉ.संजय शाह ने कहा कि आज के दौर में जीवनशैली में बहुत बदलाव हो चुका है। जीवन में गुणवत्ता की ओर बढ़ने का मतलब यह नहीं है कि स्वास्थ्य से समझौता किया जाए। आप अपनी जिंदगी में व्यस्त रहते हैं, जीवन में सब कुछ सही चल रहा होता है। अचानक से एक ब्रेक लगता है और जिंदगी दवाओं की मोहताज हो जाती है। हमारा ध्यान इस ओर जाना चाहिए कि कैसे बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। शराब और धूम्रपान कई बीमारियों का जनक है। ये आपके लिए मोटापा, हाई बीपी और मानसिक बीमारियां भी पैदा कर सकता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखना है कि शराब और धूम्रपान से दूर रहें। आपका स्वास्थ्य आपका अधिकार है। चिकित्सक तो मात्र मार्गदर्शक हैं। इसलिये अपने स्वास्थ्य का हमें स्वयं ही ध्यान रखना है।

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