भक्तिभाव व उमंग से मनाया गया राधा स्वामी सतसंग, दयालबाग़ के द्वितीय आचार्य परम गुरु हुज़ूर महाराज का पावन भण्डारा

ज्योति एस, दयालबाग (आगरा)। रविवार को रा धा स्व आ मी सतसंग, दयालबाग़, के द्वितीय आचार्य परम संत परम पूज्य हुज़ूर हुज़ूर महाराज का भंडारा पूर्ण श्रृद्धा एवं भक्तिपूर्ण वातावरण में बहुत ही उमंग व धूमधाम से मनाया गया। प्रातः तीन बजे से कडाके की ठंड को मात देते हुए सभी सतसंगी भाई, बहन व बच्चे (सन्तसू) दयालबाग़ लैदर वर्किंग स्कूल के पास खेतों में चने की निराई के लिए पहुँचने लगे। खेतों मे सभी को दयालबाग के केले, अमृतपेय (1 कप मीठा गरम दूध) तथा चाय व रस्क के साथ इलायचीदाने का परशाद प्रदान किया गया।
खेतों में कार्य के दौरान 3:45 पर आरती व सतसंग शुरु हुआ, जिसका देश विदेश के 500 से अधिक केन्द्रों पर सजीव प्रसारण हुआ। परम पिता परम पूज्य हुज़ूर प्रो॰ प्रेम सरन सतसंगी साहब एवं आदरणीय रानी साहिबा भी खेतों पर पधारे। परम पूज्य हुज़ूर प्रो॰ प्रेम सरन सतसंगी साहब ने परम पूज्य हुज़ूर महाराज एवं परम पूज्य हुज़ूर डा॰ लाल साहब के सिंहासन पर मत्था टेका। तत्पश्चात् समस्त उपस्थित जनों को मुरमुरे व इलायचीदाने का परशाद वितरित किया गया।
खेतों में कार्य समाप्त होने के पश्चात् सभी को सामूहिक पी॰ टी॰ के लिए डेरीबाग़ प्राइमरी स्कूल पर एकत्र होने का आदेश हुआ। डेरीबाग़ स्कूल पर संतसू स्कीम के बच्चों के साथ सभी ने सामूहिक पी॰ टी॰ में भाग लिया। पी॰ टी॰ के बाद परशाद वितरण किया गया तथा भण्डारा भी सम्पन्न हुआ।
डेरीबाग़ स्कूल से सभी भाई, बहन व बच्चे को “दयालबाग़ साइंस आफ कान्शियसनेस” (DSC) के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दयालबाग़ राईफल रेन्ज के मैदान में एकत्र होने का आदेश हुआ। इसी मैदान पर दयालबाग़ के पाँच ऊँठ व उनके चार बच्चे भी सजेधजे उपस्थित थे। यहाँ पर DSC का प्रोग्राम शुरु करने के आदेश हुए। दयालबाग़ रा धा स्व आ मी सतसंग सभा की भारतवर्ष में स्थित 11 रीजनल एसोसिएशन्स तथा विदेशों में स्थित 5 एसोसिएशन्स ने “Dayalbagh way of life” परिलक्षित करते हुए उनकी एसोसिएशन्स में हो रहे कार्यों पर प्रकाश डाला, इससे पूर्व रा धा स्व आ मी सतसंग सभा के अध्यक्ष प्रे॰ भा॰ गुरु स्वरूप सूद साहब ने बताया कि विभिन्न रीजनल एसोसिएशन्स के अन्तर्गत 623 ब्रांच सतसंग, 190 सतसंग घर एवं सतसंग भवन संचालित होते हैं। दयालबाग़ के लगभग 100 इन्डस्ट्रीयल यूनिट तथा 150 स्टोर भी संचालित होते हैं। कान्फ्रेस स्थल पर पाँच ऊँठ व उनके चार बच्चे बहुत ही आकर्षण का केन्द्र रहे।
कान्फ्रेन्स के बाद संतसू स्कीम के बच्चों ने बहुत ही मनमोहक 3 नृत्य गान प्रस्तुत किये, सांसकृतिक कार्यक्रम के पश्चात् सबको परशाद वितरित हुआ।

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