लालता गिरी आश्रम में कब्जे को लेकर कर रहे हैं भारत माता मंदिर ट्रस्ट को बदनाम,भारत माता मंदिर ट्रस्ट का लालता गिरि महाराज से कोई लेना देना नहीं

हरिद्वार।
भूपतवाला क्षेत्र में एक आश्रम में कब्जे को लेकर बिना वजह भारत माता मंदिर ट्रस्ट का नामउचं बदनाम किया जा रहा है जबकि इस मामले से भारत माता मंदिर ट्रस्ट का कोई मतलब नहीं है और इस मामले में जिन महंत या महामंडलेश्वर लालता गिरि का नाम लिया जा रहा है, उनका भारत माता मंदिर ट्रस्ट से कोई लेना-देना नहीं है लालता गिरि कभी भी भारत माता मंदिर ट्रस्ट के महन्त या सदस्य नहीं रहे हैं। लालता गिरि को 2021 के कुंभ मेले में निरंजनी अखाड़ा का महामंडलेश्वर बनाया गया था।
भारत माता मंदिर ट्रस्ट के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भारत माता मंदिर ट्रस्ट कभी भी किसी भी संपत्ति के मामले में दखलंदाजी नहीं देता है और जिन स्वामी अवधेशानंद सरस्वती का इस मामले में नाम लिया जा रहा है,उनका भी भारत माता मंदिर ट्रस्ट से कोई मतलब नहीं है। लालता गिरी महाराज की गतिविधियां साधु समाज को बदनाम कर रही है और वह भारत माता मंदिर का नाम भी अपने कृत्यों से खराब कर रहे हैं। जिन अवधेशानंद सरस्वती का नाम इस भूमि घोटाले से जोड़ा जा रहा है, उनका भारत माता मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज से कोई मतलब नहीं है। यह सब एक साजिश के तहत भारत माता मंदिर ट्रस्ट की म्छवि धूमिल करने के लिए किया जा रहा है। लालता गिरी के कृत्यों से भारत माता मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टियों और और संस्था के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रा नंद गिरि महाराज के अनुयायियों को बहुत ठेस लगी है।
भारत माता मंदिर की स्थापना देश और दुनिया के जाने-माने विद्वान संत महामंडलेश्वर और निवृत्तमान शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रा गिरि महाराज ने की थी। और पूरी दुनिया में भारत माता मंदिर का नाम सम्मानित दृष्टि से लिया जाता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत माता मंदिर ट्रस्ट को कई कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाता है। भारतीय संस्कृति को देश-विदेश में पहुंचाने में भारत माता मंदिर की अग्रणी भूमिका रही है।

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