उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की मुक्ति योजना के विरोध में आई श्री गंगा सभा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने दी नसीहत और चेतावनी,देखें वीडियो

हरिद्वार/ तुषार गुप्ता

हरिद्वार। श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि हजारों वर्षों से हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों और यजमानों का सम्बंध चला आ रहा है। यजमान अपने परिजनों के अस्थि प्रवाह के लिए तीर्थ पुरोहितों से सीधा संपर्क करते हैं। इसमें किसी माध्यम की आवश्यकता नही है। यह कार्य आस्था और श्रद्धा से जुड़ा हुआ है। इसके लिए पुरोहितों ने कोई शुल्क निर्धारित नही किया हुआ है। संस्कृत अकादमी अपने मूल उद्देश्यों से भटककर अस्थि प्रवाह जैसे धार्मिक कार्यो में अनावश्यक हस्तक्षेप कर रही है और इसे व्यवसाय का रूप देने की कोशिश कर रही है।

उनकी इस योजना का पुरजोर विरोध किया जाएगा। यह हम पुरोहितों का परम्परागत अधिकार है इसमें किसी अन्य का हस्तक्षेप बरदाश्त नही किया जाएगा।अच्छा हो कि संस्कृत अकादमी संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार ओर संस्कृत विद्यालयों की व्यवस्था पर ध्यान दे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!