वार्षिक बन्दी के चलते कानपुर तक जाने वाली गंगनहर को अगले 20 दिनों के लिए किया गया बन्द, हरकी पौड़ी पर रहेगा पर्याप्त मात्रा में जल, देंखे वीडियो…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। कुंभनगरी हरिद्वार में हर वर्ष वार्षिक बन्दी के चलते कानपुर तक जाने वाली उत्तरी खंड गंगनहर को हर बार दीवाली से पहले साफ-सफाई और अन्य कार्यों को सम्पूर्ण करने के लिए बंद किया जाता है। इस बार 15/16 अक्टूबर की मध्यरात्रि से 4/5 नवंबर की मध्यरात्रि तक 20 दिनों के लिए गंगनहर को बंद किया गया है। इस नहर बंदी से हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को मायूसी हाथ लगेगी और इसका स्थानीय व्यापारियों के व्यापार पर भी खासा असर पड़ेगा। हरिद्वार से कानपुर तक सिंचाई व अन्य कार्यों पर नहर बंदी का असर पड़ेगा। वहीं दिल्ली और एनसीआर में भी इस नहर बंदी के कारण पानी की किल्लत हो सकती है।

हरिद्वार में होने वाली वार्षिक गंगा बंदी पर हरिद्वार स्थित यूपी सिंचाई विभाग के एसडीओ शिवकुमार कौशिक का कहना है कि वार्षिक गंगा बंदी के लिए गंगा को 15/16 तारीख की मध्य रात्रि से 4/5 तारीख की मध्यरात्रि तक बंद किया गया है। इसका शासनादेश उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया गया है। इस वार्षिक बंदी के दौरान हरिद्वार से लेकर कानपुर तक गंगा में मरम्मत, रंग-रोगन, सिल्ट की साफ-सफाई, रजवाहे आदि के विभिन्न तरह के कार्यों को किया जाता है।इस वार्षिक गंगा बंदी के दौरान हरिद्वार हरकी पौड़ी पर न्यूनतम जलस्तर उपलब्ध कराया जाएगा जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़ेगा। दिल्ली एनसीआर आदि विभिन्न क्षेत्रों में पानी की थोड़ी किल्लत हो सकती है उसके लिए व्यवस्था की गई है।

गंगा नहर की साफ-सफाई, रंग रोगन और मरम्मत के कई कार्य किए जाने के लिए दशहरे से दिवाली तक वार्षिक बंदी के दौरान गंगनहर को बंद किया जाता है। इस बार गंगा नहर को 20 दिन के लिए बंद किया गया है, हालांकि हर बार उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को वार्षिक बंदी के दौरान स्थानीय व्यापारियों और तीर्थ-पुरोहितों का विरोध भी झेलना पड़ता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि हरकी पौड़ी पर इन 20 दिनों में अनुबंधन के अनुरूप जल छोड़ा जाता है या नहीं।

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