उद्यमिता के प्रति जागरूकता हेतु दो दिवसीय स्टार्टअप बूट कैंम्प का आयोजन…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। उद्योग विभाग उत्तराखण्ड के तत्तवाधान में आई.आई.एम. काशीपुर के सहयोग से दो दिवसीय स्टार्टअप बूट कैम्प ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। कैम्प का शुभारंभ ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के परिसर निदेशक प्रो. डॉ. डी.सी. सिंह, जिला उद्योग केन्द्र की मुख्य प्रबन्धक पलवी गुप्ता एवं शरीर रचना विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. नरेश चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया।

जिलाउद्योग केन्द्र की मुख्य प्रबन्धक पलवी गुप्ता ने कहा कि स्टार्टअप बूट कैम्प का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को उच्च कोटि की उद्यमिता के लिए जागरूक करना है। उद्योग केन्द्र उत्तराखण्ड द्वारा उद्यमिता को बढाने के लिए जो सरकारी योजनाऐं चलाई जा रही है, उन सबकी विशेष विस्तृत जानकरी पलवी गुप्ता द्वारा सभी प्रतिभागियों को दी गई। आई.आई.एम. काशीपुर से आई हुई प्रोफेसर रचिता गुप्ता द्वारा प्रतिभागियो को स्टार्टअप बूट कैम्प्स की आवश्यकताओं पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हुये कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में छात्र-छात्राओं को अपने अपने छोटे-छोट स्वयं के उद्योग स्थापित करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। जिससे इस प्रकार के कैम्प में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राएं भी भविष्य में अच्छे उद्यमी बन सकते हैं। मेडिकैमन बायोटेक लिमिटेड के प्लांट प्रमुख ने अपने द्वारा चलाये जा रहे उद्योग के विषय पर अपने अनुभव प्रतिभागियों के मध्य साझा किये। आई.आई.एम. काशीपुर से उत्कर्ष गुप्ता ने प्रतिभागियों को स्टार्टअप बूट कैम्प और उद्यमिता विषय पर विशेष रूप से व्याख्यान देते हुये प्रतिभागियों को विशेष रूप से पिचिंग के टिप्स भी दिये। आई.आई.एम. काशीपुर से ही मनोज नेगी ने फाइनेंस से सम्बन्धित जानकारियां प्रतिभागियों को दी।

शरीर रचना विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश चौधरी ने आई.आई.एम. काशीपुर के सभी संकाय सदस्य, रिसोर्स पर्सन्स, उद्योग विभाग उत्तराखण्ड, उद्योग केन्द्र की मुख्य प्रबन्धक पलवी गुप्ता तथा सभी प्रतिभागियों का विशेष रूप से धन्यवाद देते हुये कहा कि इस दो दिवसीय स्टार्टअप बूट कैम्प से छात्र-छात्राओं को जो लाभ मिलेगा उससे भविष्य में वे स्वयं स्वावलम्बी हो सकेंगे और स्वयं नौकरी तलाशने के बजाये अन्य को नौकरी देने वाले बनेंगे। स्टार्टअप बूट कैम्प में ऋषिकुल एवं गुरूकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ पंचकर्म विभागाध्यक्ष डॉ. के.के. शर्मा, कायचिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. ओ.पी. सिंह, रोग निदान विभागाध्यक्ष डॉ. रूबी अग्रवाल ने भी प्रतिभाग किया।

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