महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने सर्वोच्च ईसाई धर्मगुरु पोप और ब्लादिमीर पुतिन को अपने रक्त से लिखा पत्र…

हरिद्वार। रविवार को श्रीपरशुराम घाट से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने अपने रक्त से सर्वोच्च ईसाई धर्मगुरू और ब्लादिमीर पुतिन को पत्र लिख कर हिन्दुओ के अंजाम से सबक लेने का आह्वान किया। उनके साथ श्री अखण्ड परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक व उनके शिष्य यति निर्भयानंद के साथ अनेक गणमान्य हिन्दू भी उपस्थित थे। यह दोनों पत्र महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज की प्रतिनिधि डॉ. उदिता त्यागी दिल्ली में पोप के प्रतिनिधि और रूस के दूतावास को सुपुर्द करेगी।
रक्त से पत्र लिखने का कारण महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने इन दोनों पत्रो में लिखा कि रक्त लिखित पत्र स्थिति की भयावहता को प्रकट करने के लिये लिखे गए हैं।

सर्वोच्च ईसाई धर्मगुरु पोप को अपने रक्त से उन्होंने लिखा कि आज आपको इस्लामिक जिहाद के परिपेक्ष्य में हम हिन्दुओ की स्थिति का ठोस अध्ययन करना चाहिये और हम हिन्दुओ की दुर्गति से शिक्षा लेते हुए वो गलतियां नहीं करनी चाहिए जो हमने, हमारे धर्मगुरुओं ने और हमारे नेताओं ने की। एमएमहम हिंदू इस्लामिक जिहाद के विगत 1300 से भी अधिक वर्षो से सबसे निरीह शिकार हैं। इस्लाम के जिहादियों ने हमारे करोड़ो लोगो को मारा, हमारी औरतों की हर तरह से दुर्गति की। हमारे लाखो मठ मंदिरों को तोड़ कर उन पर मस्जिदे बना ली। हमारे अधिकांश भू-भाग पर कब्जा कर लिया। आज हमारे पास सम्पूर्ण विश्व मे भारत के अलावा कोई और शरणस्थली नहीं बची है। हमारे तथाकथित धर्मगुरु इस स्थिति को देखते रहे पर उन्होंने इस बुराई को समाप्त करने या इससे संघर्ष करने का कोई ठोस प्रयास कभी नहीं किया। उनकी इस मूर्खता और अकर्मण्यता के कारण आम हिन्दू को कभी इस्लाम की सच्चाई का पता ही नही चल सका और कभी भी हिन्दू जनमानस इन भेड़ियों से अपनी रक्षा के लायक बन ही नहीं सका। आज हमारी स्थिति ये है कि कोई भी हिन्दू चाहे वो महिला हो या पुरुष, इस्लाम के जिहादियों से सुरक्षित नहीं है। आज भारत मे प्रतिदिन इस्लामिक जिहादियों द्वारा किसी ना किसी हिन्दू की हत्या होती है पर उस पर सब एक दम खामोश रहते हैं। कोई हिन्दू नेता, कोई हिन्दू धर्मगुरु, कोई हिन्दू संगठन और एक दो को छोड़कर कोई हिन्दू पत्रकार इस पर बोलने तक का साहस नहीं करता। दुनिया को पता ही नहीं चलता कि हिन्दुओ पर इस्लाम के जिहादियों का कितना अत्याचार हो रहा है जबकि यदि अपवादस्वरूप कभी किसी हिन्दू को द्वारा कोई मुसलमान किसी भी कारण से मार दिया जाता है तो उसका शोर सारे विश्व मे मच जाता है और इसके लिये सारे हिन्दू समाज को दोषी ठहरा दिया जाता है। इन अपवादों को लेकर पूरी दुनिया चिल्लाती है कि भारत मे मुसलमानों पर बड़ा भारी अत्याचार हो रहा है। वस्तुतः आज भारत का हर हिन्दू (कुछ एक अपवादों को छोड़कर) या तो इस्लाम के जिहादियों के द्वारा पैसे देकर खरीद लिया गया है या किसी भी तरह से डरा दिया गया है। भारत के मुसलमान रात-दिन बच्चे पैदा करके अपनी जनसंख्या बढ़ाने में लगे हैं और बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका और भी ना जाने कहाँ-कहाँ से मुस्लिम अपना देश छोड़कर भारत मे आ बसे हैं। अब स्थिति ये है कि केवल 2029 में भारत का प्रधानमंत्री मुस्लिम बनने वाला है। यह 2029 में भारत का का प्रधानमंत्री मुस्लिम नहीं बना तो 2034 में हर हाल में बनेगा। भारत में इस्लाम के इतिहास और वर्तमान मुस्लिम आकांक्षाओं का अध्ययन करके मैं इस नतीजे पर पहुँचा हूँ कि
एक बार भारत का प्रधानमंत्री मुस्लिम बना तो अगले केवल 20 वर्षो में लगभग 40 प्रतिशत हिन्दू मर्द कत्ल कर दिए जाएंगे। लगभग 50 प्रतिशत हिन्दू मर्द भय के कारण धर्मपरिवर्तन करके मुसलमान बनने पर मजबूर हो जाएंगे और बचे हुए विदेशो में या शरणार्थी शिविरों में अपना जीवन काटेंगे। हिन्दुओ की अधिकांश औरते सामुहिक बलात्कार के बाद या मंडियों में बेच दी जाएगी या मुसलमानों द्वारा रखैल बना ली जाएगी। हमारे सारे मठ-मन्दिर तोड़ दिए जायेंगे और हमारे साथ ही पृथ्वी के सबसे प्राचीन धर्म का सम्पूर्ण विनाश हो जाएगा। भारत के नव मुस्लिम इस्लाम के जोश में सम्पूर्ण विश्व में जिहाद के सबसे महत्वपूर्ण सिपाही बन कर सारे विश्व का विनाश लाने में लग जायेंगे। इस सबके दोषी हमारे वो धर्मगुरु होंगे जिन्होंने कभी भी इस्लाम की सच्चाई को सम्पूर्ण विश्व के सामने रखने का साहस नहीं किया और न ही वैचारिक रूप से इस्लाम कोई चुनौती दी।
उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि अगर आपने और अन्य ईसाई धर्मगुरुओं ने भी हिन्दू धर्मगुरुओं की तरह सम्पूर्ण विश्व मे इस्लाम के बढ़ते हुए मारक प्रभाव को अनदेखा किया तो जो आज हिन्दुओ के साथ हो रहा है, कल आपके समाज के साथ भी वही होगा और इसके दोषी आप सभी ईसाई धर्मगुरु होंगे। इसकी सम्भावना बहुत से ईसाई देशो में दिखाई भी देने लगी है।आपके यहाँ भी वो सब होना शुरू हो गया है जो हमारे यहाँ सदियों से हो रहा है।मुझे लगता है कि जिस मनोरोग के हमारे धर्मगुरु बीमार थे, वही कायरता और अकर्मण्यता का रोग ईसाई धर्मगुरुओं को भी लग चुका है। ऐसे में सम्पूर्ण विश्व में इस्लाम के जिहादियों की विजय और मानवता की पराजय निश्चित हो जाएगी।आपसे और सभी ईसाई धर्मगुरुओं से मेरा यहीं निवेदन है कि ऐसा मत होने दीजिये अन्यथा आपका धर्म और मानवता कभी भी आपको क्षमा नहीं करेगी।
हम हिन्दू अपनी लड़ाई को हार चुके हैं पर आपके पास अभी समय है मानवता के इस कैंसर इस्लामिक ज़िहाद का उपचार करने का।आप लोग यदि चाहे तो अभी भी मानवता को बचा सकते हैं। अतः खड़े हो जाइए और विश्व को इस भंयकर विपत्ति से बचने के लिये धार्मिक नेतृत्व प्रदान करिए।

रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर ब्लादिमिरोविच पुतिन को अपने रक्त से पत्र में उन्होंने निवेदन किया कि पुतिन ने जो अभी 28 जून 2023 को कुरान को लेकर जो कहा है, वो कुरान के प्रति उनकी अज्ञानता को प्रदर्शित करता है। उन्हें कुरान और इस्लाम के इतिहास का विस्तृत अध्ययन करना चाहिये। आप आज जो कुरान से विषय मे बोल रहे हैं, ये बाते हमने हमेशा अपने नेताओं के श्रीमुख से सुनी और अधिकांश हिन्दुओ ने इस पर विश्वास कर लिया। इसका परिणाम यह निकला कि हम अपना सब कुछ खोकर सम्पूर्ण रूप से नष्ट होने के बिल्कुल मुहाने पर खड़े हैं। आपको हम हिन्दुओ के नेताओ द्वारा की गई ग़लती को नही करना चाहिये। आप एक महान देश और स्वाभिमानी कौम के नेता हैं। भेड़ियों के साथ भाईचारे की मृगमरीचिका में अपने देश और अपने लोगो को मत फंसा दीजिये। मेरी बात याद रखिये की इस्लाम पृथ्वी का कैंसर है और कुरान इसकी जड़ है। जहाँ ये कैंसर फलने फूलने लगेगा, वहाँ से मानवता समाप्त हो जाएगी। मैं अपने देवताओं से अनुरोध करता हूं कि वो आपको सही राह दिखाये ताकि रूस और मानवता सदैव जीवित रहें।
इस अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़े के राष्ट्र अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक, भगवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री, पंडित गिरीश मिश्रा, पवन भारती, रविकांत शर्मा, सुमित तिवारी, पी. एस. लोहिया, डॉ. कुंवर सिंह, बबिता सैनी, रेनू भारद्वाज, हिमांशु राजपूत, मोहित चौहान, एडवोकेट अरविंद श्रीवास्तव, शुभम भारद्वाज, कुलदीप शर्मा, विष्णु गौड़ आदि उपस्थित रहे।

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