हे राम। अखाड़े के श्रीमहंत के ऐसे ऐसे काम, अखाड़े के संत ने लगाए गंभीर आरोप,देखें वीडियो

हरिद्वार पहुंचे उदासीन संगत फुलवारी जगदगुरु श्री चंद्र भगवान की तपस्थली पटना बिहार के महंत दयानंद मुनि ने उदासीन बड़ा अखाड़े के श्री महंत महेश्वर दास और महंत दुर्गादास पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। कनखल सतीघाट पर दयानंद मुनि ने प्रेस वार्ता कर कहा कि उनके और उनकी गुरु परंपरा के साथ श्री महंत महेश्वर दास और महंत दुर्गादास द्वारा लगातार दुराचार और अन्याय किया जा रहा है। उनके बाबा गुरु रामदेव की हत्या करवाई गई थी। उन्होंने अखाड़े का संविधान दिखाकर बताया कि अखाड़े के सविधान में श्री निर्वाण देव ने कहा है कि जिस मठ की गुरु परंपरा महंताई का विषय होता है। उस मठ में उनके चेले या परिवार के लोग ही महंताई करते हैं लेकिन दामोदरदास महाराज के बाद ऋषि उदासीन आश्रम रानोपाली में श्री महंत महेश्वर दास की अध्यक्षता में भरत दास को महंतई दी गई, उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों महंतों ने 2002 से अब तक 50 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बेच दी गई है जबकि महंत नारायण राम जी की 1857 में बनाई गई ट्रस्ट डीड के अनुसार मठ की कोई भी संपत्ति बेची नहीं जा सकती है, मैंने जब इसकी आपत्ति की तो महेश्वर दास ने मुझे डरा धमका कर भगा दिया ।दुर्गादास ने भी उन्हें धमकी दी ।जिसके बाद महेश्वर दास पूरे बिहार में मेरे खिलाफ बहिष्कार करने का दुष्प्रचार करते रहे, फिर बिहार मंडल की बैठक में भी शामिल नहीं हुए, जिसके बाद बिहार के संतों ने डंडा लेकर इन्हें बिहार से खदेड़ा ,इसके लिए उन्होंने बिहार के संतों का का धन्यवाद दिया है।

दयानंद मुनि ने 35 अष्टधातु की मूर्तियां और करोड़ों की संपत्ति भूमाफिया से मिलकर बेचे जाने की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है ,साथ ही दोनों महंतो पर अपनी हत्या कराए जाने का भी अंदेशा जताया है । महंत रघु मुनि महाराज के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर बोलते हुए दयानंद मुनि महाराज ने कहा कि महेश्वर दास और दुर्गादास दोनों इस कार्रवाई के सूत्रधार हैं एक कहावत को बोलते हुए उन्होंने कहा कि “ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे इन्होंने ठगा नहीं, उन्होंने कहा कि इनके दुराचार और उत्पीड़न से लगातार हमारे बड़ा उदासीन अखाड़े में संत या तो जहर खा कर मर रहे हैं या फांसी लगाकर आत्महत्या कर रहे हैं। या उन्हें गंगा में फेंका जा रहा है । जिसके लिए दयानंद मुनि ने दोनों महंतो का नारको टेस्ट की मांग की है साथ ही श्री महंत महेश्वर दास पर दुष्कर्म और कुकर्म के आरोप लगाते हुए उन्होंने उनके आचरण की गुप्त जांच कराए जाने की मांग भी की है साथ ही उन्होंने दावा किया है कि अगर महेश्वर दास की गुप्त जांच सही पाई जाती है तो वह फकीरी छोड़कर जहां आप कहेंगे वहां नौकरी करूंगा।

आरोपों को लेकर दोनों महंतो से संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन संपर्क ना होने की वजह से उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। महंतो की प्रतिक्रिया आने के बाद जल्द प्रकाशित की जाएगी।

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