कानून की पढ़ाई पढ़ रहे छात्र ने की हर की पौड़ी की पवित्रता को लेकर अग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून को संशोधन करने की मांग, जानिए…

हरिद्वार। एलएलबी के छात्र कमल भदौरिया निवासी जगजीतपुर जिला हरिद्वार के द्वारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून व अर्थदंड में संशोधन किए जाने हेतु पत्र भेजा गया है। जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि अंग्रेजों के समय में सन 1916 और सन 1945 में एक कानून बनाया गया था प्रांतीय म्युनिसिपैलिटीयो के 1916 के विधान एक्ट की धारा 299 (२) में जिसमें यह था कि हर की पौड़ी व कुशावर्त घाट पर कोई भी गैर हिंदू नहीं जाएगा और हर की पौड़ी प्लेटफार्म पर साइकिल पर नही चढ़ेगा, किसी पहियों वाली वस्तु को ले जाना वर्जित है, चेयरमैन की लिखित आज्ञा के अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति को हर की पौड़ी कुंड के फोटो लेने की आज्ञा नहीं, तख्तों अथवा चटाईयों के लिए स्वीकृति देने के तरीके किसी भी व्यक्ति को तख्त, बेंच, चारपाई, चटाई, अंगठी रखना या कोई ऐसा कार्य जिससे यात्रियों को रुकावट असुविधा हो और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भय का कारण हो ऐसी भी कोई आज्ञा थी कि कोई व्यक्ति ऐसा कार्य नहीं करेगा। हर की पौड़ी प्लेटफार्म पर निवास स्थान बनाने के उपयोग में लाने या दान लेने के लिए किसी देवता या देवी की चित्र मूर्ति फोटो दिखाने की आज्ञा नहीं थी इसके अलावा हर की पौड़ी व कनखल के सती घाट पर जूते, लकड़ी की खड़ाऊ भी पहनने की आज्ञा नहीं दी गई थी और किसी भी व्यक्ति को मृत शरीर की राख कंकाल में सती घाट के अतिरिक्त गंगा किनारे किसी भी घाट पर फेंकने की आज्ञा नहीं थी यह कानून प्रांतीय म्युनिसिपैलिटीयो के 1916 के विधान एक्ट की धारा 299 एक में अंग्रेजों के तत्कालीन कमिश्नर के द्वारा बनाया गया था जो आज भी नगर निगम हरिद्वार में है परंतु इसका कोई भी उल्लंघन यदि कोई व्यक्ति करता है तो ₹10 रुपए अर्थदंड और बार बार उल्लंघन करता है तो हर बार पांच ₹5 अर्थदंड होता रहेगा। जिसको देखते हुए उस समय के कमिश्नर का जो आदेश था 21.4 .1919और 7.12 .1945 में जुर्माना की धनराशि आज के समय में मामूली है जिसको बढ़ाए जाने के लिए ,संशोधन करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को कमल भदौरिया द्वारा ₹1000000 क्षतिपूर्ति के रूप में अर्थदंड राज्य सरकार के पक्ष में दिलवाने हेतु आदेश पारित किए जाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट हरिद्वार के माध्यम से नगर निगम हरिद्वार को आदेश दिए जाने हेतु पत्र भेजा गया है क्योंकि हाल में ही कुछ व्यक्ति अपना नाम बदल कर वहां पर कार्य कर रहे थे जिसे हरिद्वार हर की पौड़ी के पुरोहित श्री उज्जवल पंडित के लोगों द्वारा उनको पुलिस के हिरासत में भी दिया गया था। संशोधन अति आवश्यक होने के बारे में हर की पौड़ी के पुरोहितों आसपास के लोगों के द्वारा भी इस संबंध में कई बार मांग उठाई जा चुकी है परंतु राज्य सरकार द्वारा व जिला प्रशासन द्वारा कोई भी आज तक कार्यवाही नहीं की गई जिसको देखते हुए जगजीत पुर निवासी श्री कमल भदोरिया द्वारा पत्र माननीय मुख्यमंत्री जी को भेजा गया है

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