छावनी का फ़रमान, ख़ाली करो मकान, छावनी परिषद के नोटिस से इंदिरा बस्ती के लोगों में मचा हड़कंप

रानीखेत (सतीश जोशी): पर्यटक नगरी स्थित इन्दिरा बस्ती में रहने वाले गरीब निवासियों को अपने मकान ख़ाली करने के छावनी परिषद के फरमान जारी के बाद इन लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। दशकों से यहाँ अपना आशियाना बना कर रह रहे सभी 50 परिवारों को 15 दिन की मोहलत दी गई है कि अपने आवास ख़ाली कर यहां से कहीं अन्यत्र बस जाए। छावनी परिषद के इस फरमान से इंदिरा बस्ती के निवासियों में हड़कंप मच गया है। वही विगत दिवस इस बस्ती के निवासियों ने संयुक्त मजिस्ट्रेट एवं छावनी के अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन देकर उन पर रहम करने की गुहार भी लगाई है।
गौरतलब है कि रानीखेत छावनी परिषद की 22 नाली भूमि पर विगत 45 वर्षों से पचास अनुसूचित जाति जे परिवार अपना आशियाना बनाकर गुजर बसर कर रहे हैं। इस बस्ती के गरीब लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भी लंबे समय से अपना मतदान करते आ रहे हैं। लेकिन छावनी परिषद के चुनाव में इन्हें मतदान करने का अधिकार नहीं दिया गया है। विगत वर्षों हुई अतिवृष्टि में इस क्षेत्र में भूस्खलन होने से 42 आशियाने उसकी जद में आ गए थे। जिसको लेकर तत्काल छावनी परिषद व प्रशासन हरकत में आ गया था। उस समय इन परिवारों को छावनी परिषद् द्वारा यहां से हटाकर सुरक्षित जगह पर रहने की व्यवस्था भी बनाई गई थी। लेकिन हालात सामान्य होने के पश्चात इन सभी परिवारों के लोग पुनः इस बस्ती में आकर रहने लगे। लोगों का कहना है कि छावनी परिषद द्वारा उनकी इस बस्ती में शौचालय व विद्युत की व्यवस्था भी की गई है। लोकसभा व विधानसभा चुनावो में इस क्षेत्र के परिवार वालों की राजनीतिक पार्टियों प्रतिनिधियों द्वारा काफी आवाभगत होती है। इन सबको लुभावने आश्वासन भी दिये जाते है कि उनके रहते इन मकानों को कभी उजड़ने नहीं दिया जाएगा परंतु अपना काम निकल जाने के बाद कोई भी पार्टी का नेता उनकी इस विकट समस्या के समाधान के लिए पहल में रुचि नहीं लेता है।तीन दिन पूर्व छावनी परिषद प्रशासन द्वारा इंदिरा बस्ती के निवासियों को 15 दिन की मोहलत देकर यहां से है जाने का नोटिस थमा दिया है। जिसके चलते इस बस्ती के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले को लेकर जब छावनी परिषद के नामित एकमात्र सदस्य मोहन नेगी से बात की गई तो उनका कहना है कि इंदिरा बस्ती निवासी सभी अनुसूचित जाति परिवार के लोग हैं। शासन व प्रशासन को इन लोगों के लिए सरकार से मिलने वाली आवासीय सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। तब तक इन्हें मोहलत भी दी जानी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी कुणाल रोहिला ने इस मसले पर वार्ता के लिए उन्हें समय दिया है। बस्ती के लोगों को साथ लेकर वह इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास करेंगे। आगे जो भी हो फ़िलहाल छावनी परिषद के इस फरमान से इंदिरा बस्ती में कोहराम मचा हुआ है। अपने आशियाने उजड़ जाने के भय से येह लोग दिन रात ख़ौफ़ज़दा माहौल में जीने को मजबूर हैं।

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