“सूचना अधिकार अधिनियम पर उत्तराखंड प्रशासन अकादमी द्वारा प्रशिक्षण”

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय के निर्देशन मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन के संयोजन में विकास भवन रोशनाबाद हरिद्वार के सभागार में सूचना का अधिकार अधिनियम विषय पर डॉ. आर. एस. टोलियां उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल के सहयोग से जनपद के लोक सूचना अधिकारियों अपीलीय, अधिकारियों एवं जिला स्तरीय अधिकारियों को विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया गया।प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ सूचना आयुक्त विरेंद्र शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया।

विरेंद्र शर्मा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम के तहत लोक सूचना अधिकारी अनुरोधकर्ता को निर्धारित समय के अंतर्गत सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराते जिससे लोक सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को अनावश्यक समस्याओं का सामना करना पड़ता है तथा आयोग द्वारा दंडात्मक कार्यवाही भी सहनी पड़ती है। जिससे वे अधिकारी सूचना अधिकारी के कार्य को बोझ समझते है। विरेंद्र शर्मा ने कहा कि इसीलिए समय-समय पर इस प्रकार के प्रशिक्षण बहुत ही आवश्यक हैं, जिससे सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जागरूक किया जा सके तथा उसकी जिज्ञासाओं का निराकरण करते हुए समय-समय पर अधिनियम में हुए बदलावों एवं विभिन्न न्यायालयों में हुए निर्णयो की भी मुख्य रूप से जानकारियां प्राप्त हो सके।

उत्तराखंड प्रशासन अकादमी से डॉ. मंजू धोड़ियाल ने प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को सूचना अधिकार अधिनियम की विस्तृत जानकारियां देते हुए कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम को सर्वोच्च प्राथमिकता पर मानते हुए लोक सेवकों को निर्धारित अवधि में मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध कराना राजकीय सेवा का ही कार्य मानना चाहिए, उसको अतिरिक्त कार्य नहीं समझना चाहिए और अपने राजकीय विभागीय कार्यों के रिकॉर्ड को पूर्णतया अनुरक्षित रखें, जिससे कार्यों की पारदर्शिता बनी रहे, जिससे कभी भी अनुरोधकर्ता को विभागीय मांगी गई सूचनाएं समय से उपलब्ध कराना आसान होगा।

बेंगलुरु से सूचना अधिकार अधिनियम के विशेषज्ञ डॉ. एच.एस. राणा ने पर्सनल, पर्सनोइल एवं प्राइवेट सूचनाओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा, कि लोक सूचना अधिकारियों को निडर होते हुए अपने कार्यों के साथ सूचना अधिकार अधिनियम के कार्य को भी अपने दायित्वों के साथ-साथ अपनी शासकीय कार्य दिनचर्या में डालना होगा, तथा अधिनियम में वर्णित धाराओं के अंतर्गत अनुरोध कर्ता को दी जाने वाली सूचना समय से उपलब्ध करानी होगी। सूचना अधिकार अधिनियम को कुछ मुट्ठी भर लोग दुरुपयोग कर रहे हैं और अधिकारियों को परेशान भी करते हैं, आपको उनके दबाव में भी नहीं आना है बल्कि सूचना अधिकार अधिनियम के तहत दृढ़ता से निर्णय लेते हुए ब्लैकमेलर से अपने आप को सुरक्षित करना भी‌ अति आवश्यक है।

अंत में डॉ. आर.एस. टोलियां उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल की कार्यक्रम निदेशक डॉ. मंजू ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए। परियोजना निदेशक विक्रम सिंह द्वारा सभी आयोजकों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। प्रशिक्षण में जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, विकास भवन से नलिनी ध्यानी, नलनीत घिड़ियाल, अतुल प्रताप सिंह, डॉ. योगेश, विजय देवराडी, डॉ. विकास ठाकुर, रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी, डॉ. सुबोध जोशी, अधिशासी अभियंता मंजू , सुरेश चंद्र यादव के साथ-साथ जनपद के लोक सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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