जैव प्रौद्योगिकी का जीवन पर प्रभाव एवं रोजगार की संभावनाएं विषय पर डीएनए लैब्स-ए सेंटर फाॅर एप्लाइड साइंसिज, देहरादून द्वारा तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित….
उत्तराखण्ड / सुमित यशकल्याण।
देहरादून। डीएनए लैब्स-ए सेंटर फाॅर एप्लाइड साइंसिज, देहरादून की ओर से तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 19 से 21 मई किया गया। कार्यशाला का आयोजन उत्तराखण्ड काउंसिल ऑफ बायोटैक्नोलाॅजी, देहरादून (यूसीबी) एवं डालफिन पीजी इंस्टीटयूट ऑफ बायो-मेडिकल एवं नेचुरल साइसिंज, मांडूवाला, देहरादून के सहयोग से किया गया। नेशनल वर्कशाप कम कान्फ्रेंस में विभिन्न यूनिवर्सिटी के लगभग 120 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
कार्यशाला का शुभारंभ दीप जलाकर मुख्य अतिथि डाॅ. गुलशन कुमार धींगरा, डाॅ. आशुतोष मिश्रा, डाॅ. शैलजा पंत, डाॅ. नरोत्तम शर्मा, डाॅ. ज्ञानेन्द्र अवस्थी, मिस अंकिता सिंह, दिव्य प्रकाश पांडे ने किया। इसके अलावा कार्यशाला में प्रथम दिन डाॅ. किरन भट्ट एमडी बायोकैमेस्ट्री प्रोफेसर एचआईएचटी ऋषिकेश एवं डाॅ. नरोत्तम शर्मा डीएनए लैब्स के सीनियर साइंटिस्ट एवं हैड लेबोरेटरी का गैस्ट लैक्चर हुआ। कार्यशाला दूसरे दिन हैंड ऑन वर्कशाप हुआ जिसमें आरटीपीसीआर, डीएनए आरएनए आइसोलेशन, अलाइजा टैक्नीक, मास्टरमिक्स प्रीप्रेरशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी।
डीएनए लैब्स-ए सेंटर फाॅर अप्लाइड साइंसिज, देहरादून द्वारा तीन दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये पीएचडी, पीएचडी स्कालर, पीजी एवं यूजी आदि 120 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यशाला में ग्राफिक ऐरा, डालफिन पीजी इंस्टीटयूट, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी, तीर्थांकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद, एसजीआरआर यूनिवर्सिटी, सोभित यूनिवर्सिटी, श्रीरामस्वरूप मैमोरियल यूनिवर्सिटी, लखनऊ, डीएवी काॅलेज, मुजफ्फरनगर, लवली प्रोफेशल यूनिवर्सिटी, जालंधर, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ आदि के छात्रों ने भाग लिया।
तीन दिवसीय कार्यशाला में वक्ताओं ने जैव प्रौद्योगिकी (बायोटैक्नोलाॅजी) की भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। पिछले दशक में जैव तकनीकी के शुद्ध तथा अनुप्रयुक्त पहलुओं में तेजी से वृद्धि हुई है। विभिन्न नई तकनीकों का विकास हुआ, जिसके कारण सजीवों की आनुवंशिकी, वृद्धि परिवर्द्धन तथा प्रजनन के सम्बंध में नवीन सूचनाओं की प्राप्ति हुई है। कार्यशाला में यूजी एवं पीजी छात्र-छात्राओं ने ओरल एवं पोस्टर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।
कार्यशाला में डाॅलफिन पीजी इंस्टीटयूट से डाॅ. ज्ञानेन्द्र अवस्थी, एसोसियेट एवं हैड, डिपार्टमेंट ऑफ बायो कैमेस्ट्री, आदित्य स्वरूप, डाक्टर शालिनी सिंह, डाक्टर गुलशन कुमार धींगरा, प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ बाॅटनी एवं इंचार्ज मेडिकल लैब टैक्नोलाॅजी, ऋषिकेश, डीएनए लैब्स से डाॅ. नरोत्तम शर्मा सीनियर साइंटिस्ट एवं हैड लेबोरेटरी, दिव्य प्रकाश पांडे, डिप्टी डायरेक्टर, देवेन्द्र सिंह, एप्लीकेशन साइंटिस्ट, मिस अंकिता सिंह जूनियर साइंटिस्ट एवं क्वालिटी मैनेजर, धर्मेन्द्र सिंह, विपिन नौटियाल, अपूर्वा चौधरी, अलका नैनवाल, अविनाश, अंकिता कठैत, प्रियंका राजगुरू, काजल रावत, सिमरन, राजेश कुमार, शशी भूषण, विवेक राठौर आदि ने भाग लिया।