राणा सांगा को गद्दार कहने पर हरिद्वार से भदोरिया ब्रदर ने एमपी को भेजा कानूनी नोटिस

हरिद्वार जगजीतपुर निवासी कमल भदोरिया एडवोकेट और चेतन भदोरिया llb अध्यनरत ने राज्यसभा सांसद समाजवादी पार्टी के रामजीलाल सुमन को कानूनी नोटिस अपने अधिवक्ता श्री अरुण भदोरिया एडवोकेट के माध्यम से भिजवाया भिजवाया है जिसमें राज्यसभा सांसद को देश के राजपूत समाज के बारे में बताते हुए की राजपूत समाज जो की वीर योद्धाओं का समाज रहा है क्षत्रिय जाति का एक समूह है और राजपूत शब्द संस्कृत के राजा – पुत्र शब्द से बना है राजपूत ने वर्ण व्यवस्था और ब्राह्मणों के विशेषाधिकार के पक्ष में बहुत काम करना व ब्राह्मण और मंदिरों को बड़ी मात्रा में धन और भूमि का दान देना बताया रामजीलाल सुमन के द्वारा दो वर्गों के बीच में एक भड़काऊ भाषण देकर दंगा फसाद करने घरणनात्मक और अपमानजनक बयान 22.3.2025 में दिए जाने पर कानूनी नोटिस भिजवाया है रामजीलाल सुमन ने अपने भाषण में राजपूत राजा राणा सांगा और राणा सांगा के वंशजों को अपने भाषण में गद्दार बताया और कहा कि राणा सांगा ने बाबर को इब्राहिम लोदी पर हमला करने के लिए बुलाया था और यह भी कहा कि भाजपा के लोगों का तकिया कलाम हो गया है, इनमें बाबर का डीएनए है ,बाबर को लाया कौन था, इसके अलावा राणा सांगा वीर राजपूत को गद्दार बताते हुए हिंदुस्तान वासियों को गद्दार राणा सांगा की औलाद बताते हुए घृणात्मक व अपमानजनक भाषण दिया गया जबकि सच्चाई यह थी कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को कई बार युद्ध में हराया था राजपूत राणा सांगा जोकि राणा जयमाल के छोटे पुत्र थे उदयपुर के सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे जो की वीर महाराणा प्रताप के दादा थे ।राजपूत राणा सांगा ने सैकड़ो युद्ध लड़े सन 1508 में 27 साल की उम्र में मेवाड़ की गद्दी को राणा सांगा द्वारा संभाल गया और 30.1.1958 में केवल 46 वर्ष की अवस्था में जहर दिए जाने के से वीरगति को प्राप्त होना बताया गया राणा सांगा जो की मेवाड़ के महान शासक ,योद्धा ,कुशल राजनीतिक के द्वारा मुगल सम्राट बाबर के खिलाफ कई युद्ध लड़े गए, सन 1527 में खानवा के युद्ध में राणा सांगा ने बाबर को बुरी तरह से हराया था राणा सांगा ने अपने जीवन काल में 100 लड़ाइयां लड़ी लेकिन किसी भी युद्ध में हार नहीं हुई मालवा के शासक महमूद खिलजी को को 1517 व सन 1519 में एडर ,गगरोहन में हुई लड़ाइयां को हराकर दो माह तक बंधक बना कर रखा और पंजाब और सिंध पर जीत के बाद बाबर ने अप्रैल सन 1926 के पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी को हराकर उसकी हत्या कर दी ,जबकि राणा सांगा और बाबर का पहली बार आमना सामना 21.2.1957 में बयाना में हुआ जिसमें राणा सांगा वीर राजपूत ने बाबर को बुरी तरह से हराया और बाबर ने अपनी आत्मकथा बाबरनामा में भी इस युद्ध का वर्णन किया और इस युद्ध में हार के बाद बाबर ने शराब न पीने की कसम खाई थी और पंजाब का गवर्नर दौलत खान और इब्राहिम लोदी का चाचा आलम खान जो दिल्ली की गाड़ी को कबजाना चाहते थे इन्होंने ही बाबर को भारत आने का न्योता दिया था और इस इतिहास की जानकारी रामजीलाल सुमन सांसद राज्यसभा को है लेकिन इसके बावजूद इनके द्वारा जानबूझकर राजपूत और हिंदुस्तान वासियों को अपमानित करके देशवासियों को आघात पहुंचाये जाने की बाबत इन्हें कानूनी नोटिस भिजवाया गया है और नोटिस में 7 दिन के अंदर अंदर समस्त देशवासियों से और राजपूत समाज से अपने द्वारा दिए घृणात्मक और अपमानजनक की बाबत लिखित में क्षमा याचना करने के लिए कहा गया है और पुनरावृति न हो इस बाबत भी लिखित में दिए जाने की कही गई है साथ ही यह भी स्पष्टीकरण मांगा गया है क्यों ना आपके विरुद्ध अपराधिकृत के कारण सक्षम न्यायालय में सक्षम वार्ड दर्ज कर दिया जाए रामजीलाल के खिलाफ हरिद्वार में शीघ्र ही मुकदमा दर्ज होने का संकट गहरा गए हैं रामजीलाल सुमन जो की जाटव बिरादरी से आते हैं और उच्च शिक्षित है और इन्हें इतिहास की पूर्ण जानकारी है इसके बावजूद राज्यसभा सांसद के द्वारा जानबूझकर घृणात्मक और छवि को खराब करने वाला भाषण देकर रामजीलाल सुमन ने देश में विद्रोह जैसी स्थिति पैदा करती है इसके लिए हरिद्वार के निवासियों ने कानूनी नोटिस भिजवाया है

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