उधमसिंह नगर पुलिस पर सुराज सेवा दल ने साधा निशाना,लगाए गंभीर आरोप,देखें वीडियो
उधमसिंह नगर पुलिस द्वारा यूपी में जाकर रेड करने पर सुराज सेवा दल ने उधम सिंह नगर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है। सुराज सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी द्वारा मुख्यमंत्री उत्तराखंड और डीजीपी को ज्ञापन भेज कर आरोप लगाया है कि उधम सिंह नगर पुलिस द्वारा यूट्यूब पर ख्याति पानी के चक्कर में उत्तर प्रदेश में जाकर यह रेड की गई, अगर वहां पर योगी सरकार की सख्त कानून व्यवस्था नहीं होती तो बड़ी अनहोनी भी हो सकती थी। इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं उनकी जांच करा कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। मुख्यमंत्री और डीजीपी को भेजा गया ज्ञापन
सेवा में
श्रीमान मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार द्वारा डीजीपी महोदय उत्तराखंड पुलिस देहरादून
विषय : वीडियो बना कर यूट्यूब पर प्रसिद्धि पाने व योगी जी को बदनाम करने की नीयत से कार्य करने हेतु
महोदय, योगी आदित्यनाथ जी बेहद ईमानदार, जुझारू, युवा व प्रदेश के भविष्य को सवार कर बेहतर कानून व्यवस्था बनाने वाले एकमात्र मुख्यमंत्री हैं लेकिन उधम सिंह नगर पुलिस द्वारा 300 पुलिस कर्मियों को बिना अनुमति बिना किसी सर्च वारंट के बरेली जाकर यूट्यूब पर वीडियो डालकर क्या हुआ ?300 पुलिस कर्मियों को वो भी वर्दी में रमजान के दौरान मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में जाकर 16 व्यक्तियों को लाकर फिर उन्हें छोड़ना पड़ा, 300 पुलिस कर्मियों की जान जोखिम में डालकर केवल वीडियो बनाकर यूट्यूब पर डाली गई इतनी गाड़ियों में कितने रुपए का डीजल लगा होगा ,इतने बड़े यूट्यूब को बनाने में इतनी व्यवस्थाओं का पैसा कहां से आया होगा? या तो माफिया से या अपराधियों द्वारा दिया गया होगा या फिर वित्तीय अनियमितताएं की गई होगी और दोनों ही स्थिति में नुकसान आम जनता का ही हुआ होगा। नियमानुसार बिना सर्च वारंटी के एनडीपीएस एक्ट में किसी के घर नहीं जा सकते फिर वह तो दूसरा प्रदेश था उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम व प्रदर्शनी करने के लिए अभियोग पंजीकृत करबर्खास्त क्यों नहीं किया जा रहा? क्या योगी जी की कानून व्यवस्था पर कोई संदेह है या फिर बरेली में हिंदू मुस्लिम कराकर योगी जी को बदनाम करने की कोई साजिश थी सोचिए बॉर्डर पर कोई घटना घटित हो जाती तो दो प्रदेश जल रहे होते और इसकी सलाह किस अधिकारी या सरकार की किस नुमाइंदे द्वारा दी गई इसकी जांच अभी तक क्यों नहीं की गई? और उन पर कार्यवाही क्यों नही की गई? वह तो योगी जी की कानून व्यवस्था थी जो एक पत्ता भी नहीं हिला अगर कोई और मुख्यमंत्री होता तो दो प्रदेशों का हाल असम और मणिपुर जैसा हो रहा होता और उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड धू धू कर जल रहा होता उदाहरण उधम सिंह नगर में उत्तर प्रदेश पुलिस बिना बताए गिरफ्तार करने को आई तो एक व्यक्ति की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई और बड़ी मान मनोबल के बाद मामला शांत हुआ वहीं दूसरी और अधिकारियों की क्या मजबूरी है जो ट्रांसफर करने के बाद लिस्ट निरस्त कर दी जाती है और व्यक्ति विशेष इंस्पेक्टर को उधम सिंह नगर ले जाया जाता है आप हरिद्वार में छड़ी कांड की सीबीआई जांच करा कर देख लीजिए एक इंस्पेक्टर द्वारा लक्सर का चार्ज लेने के लिए 302 का झूठा मुकदमा खोल दिया और बेगुनाह लोग जेल भेजे गए और असली अपराधी आज तक गिरफ्त से बाहर है महोदय तत्काल प्रभाव से उधम सिंह नगर पुलिस वह उन इंस्पेक्टर पर जो अपना ट्रांसफर लिस्ट निरस्त करवा रहे हैं के खिलाफ कार्रवाई की जाए अन्यथा सुराज सेवा दल प्रदेश व्यापी आंदोलन को मजबूर होगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी
सादर धन्यवाद
भवदीय
रमेश जोशी