हरिद्वार में संतो ने दी ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि, भारत रत्न देने की मांग…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। ब्रह्मलीन हुए जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर हरिद्वार में संतों में शोक की लहर है। यहां के कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में संतों ने जगद्गुरु को श्रद्धांजलि दी। वहीं भारत साधु समाज ने भी शंकराचार्य स्वरूपानंद को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें भारत रत्न देने और जौलीग्रांट एयरपोर्ट का नाम बदलकर शंकराचार्य एयरपोर्ट रखने की मांग की है। इस मौके पर हरिद्वार में कई श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन हुआ। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री चिन्मयानंद समेत कई बड़े संतों ने भावभीनी श्रद्धांजलि देकर उनकी आत्मा की शांति की कामना की। संतो ने कहा कि ब्रह्मलीन हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का निधन होना एक युग का अंत होना है उन जैसा ज्ञानी विद्वान कोई नहीं था। संत समाज ने पुष्प अर्जित कर श्री नारायण से कामना की उनको अपने चरणों में ध्यान दें। ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी को भारत रत्न मिलना चाहिए और साथ ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट का नाम बदलकर ब्रह्मलीन हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती पर होना चाहिए। साथ ही अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि शंकराचार्य स्वरूपानंद 42 से 45 साल तक शंकराचार्य रहे और आज के समय में ऐसे महान विभूति का होना असंभव है भारत के स्वतंत्रता सेनानी भी रहे और दो बार वो करावास भी काट चुके हैं।

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