बिजली कटौती और बिजली दर बढ़ोतरी के विरोध में सुराज सेवा दल ने फूंका यूपीसीएल के एमडी का पुतला, देखें वीडियो…
हल्द्वानी। सोमवार को सुराज सेवा दल ने महंगी बिजली और बिजली की कटौती एवं बिजली विभाग के घोर भ्रष्टाचार में संलिप्तता के विरोध में ऊर्जा विभाग / पिटकुल एवं उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पूरे प्रदेश में अगर बिजली विभाग के द्वारा महंगी बिजली बेची जा रही है तो इसकी जवाबदारी भी बिजली विभाग की है, क्यों नहीं बिजली विभाग द्वारा सही समय पर जरूरत के समय के लिए बिजली को खरीदा गया एवं विभाग के द्वारा भ्रष्टाचार में संलिप्तता को बताने के बाद भी अनदेखा क्यों किया जा रहा है? जब हमारे अध्यक्ष रमेश जोशी द्वारा देहरादून में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लगभग 100 करोड़ का घोटाला उजागर भी किया गया था विभाग ने इसमें क्या कार्रवाई की? लगातार बिजली विभाग की शिकायतें विभाग के आलाधिकारियों को देने के बावजूद भी अपने ही चहेतों की विभागीय जांच क्यों कराई जाती है? क्यों नहीं निष्पक्ष बाहरी विभाग से एसआईटी (SIT)को गठित करके जांच कराई जाए या सीबीआई (CBI), ईडी (ED)की जांच कराई जाए, अगर आज प्रदेश में बिजली या किसी भी विभाग में महंगाई बढ़ी है तो महंगाई बढ़ने का मूल कारण ही विभागों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता है। इस प्रदेश को भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा लुटा-खसोटाजा रहा है और सुराज सेवा दल द्वारा सुराज भ्रष्टाचार पोल खोल कार्यक्रमों के तहत लगातार ऐसे अधिकारियों की पोल खोलता रहता है।
महानगर सचिव प्रशांत संनवाल ने बताया कि जब बिजली की दरें ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में समानांतर दर की हैं तो मात्र ग्रामीण क्षेत्रों में ही बिजली की कटौती क्यों? अगर अब भी भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई और इनको पदों से नहीं हटाया गया तथा इनकी निष्पक्ष जांच नहीं कराई गई तो हम इस विरोध को पूरे प्रदेश में आंदोलन के रूप में प्रदेश की एक-एक देवतुल्य जनता तक पहुंचाने का कार्य करेंगे। जब कैग की जांच में खुलासा करने के बाद भी लगभग 125 करोड़ का ट्रांसफार्मर घोटाला खोलने के बावजूद भी इनके ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? महंगी बिजली खरीदकर उद्योगपतियों को सस्ती बिजली दी जाती है जिसका उपभोक्ताओं को कोई फायदा नहीं होता और बिजली की कटौती आम जनता की जाती हैं।
इस अवसर पर सुराज सेवा दल के चेतन, राजेंद्र, सुंदर, प्रकाश, विक्रम, मनीष, जगदीश, योगेश, विजय, अमित, शुभम आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।