लोकतंत्र और राजनीति में काले अध्याय के रूप में दर्ज है आपातकाल का दिन -देवेंद्र भसीन।

हरिद्वार। भारतीय लोकतंत्र और राजनीतिक के सबसे दु:खद और काले अध्याय के रूप में दर्ज आपातकाल 25 जून 1975 के दिन की बरसी के रूप में विरोध स्वरूप मनाया गया आज जिला भाजपा कार्यालय हरिद्वार पर आयोजित काला दिवस पर आयोजित गोष्ठी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे उत्तराखंड सरकार के दर्जाधारी मंत्री डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि जो राजनीतिक दल आज लोकतंत्र की दुहाई देते है उन्हीं के द्वारा देश के राजनीतिक कार्यकर्ताओं और आम जनता का अंग्रेजों से भी ज्यादा बुरी तरह दमन किया गया वह यह भूल जाते हैं कि उन्हीं की सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब इमरजेंसी लागू की तो लोकतंत्र के चारों स्तंभों को ध्वस्त करते हुए देश में लाखों लोगों की जबरन नसबंदी कर दी गई, वही मीडिया के चौथे स्तंभ अनेको अखबारों को बंद कर दिया गया कई हजार पत्रकारों को जेल भेज दिया गया देश के प्रत्येक प्रमुख विपक्षी राजनेता को या तो जेल भेज दिया गया अथवा नजरबंद कर उनका उत्पीड़न किया गया आज देश की युवा पीढ़ी को काले इतिहास को विस्तार से बताने की आवश्यकता है जिससे उन्हें मालूम पड़े कि जो लोग विश्व पटल पर जाकर लोकतांत्रिक भारत में लोकतांत्रिक हनन की बात करते हैं उनका स्वयं का इतिहास कितना बदनुमा और दागदार है।
आज फिर कांग्रेस के नेता देश की जनता में भ्रम फैलाने की बात कर देश में फिर से अराजकता का माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि हरिद्वार से वैसे तो सैकड़ों की संख्या में जनसंघ और आरएसएस कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न सरकारी मशीनरी द्वारा आपातकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री के इशारों पर किया गया था अनेकों कार्यकर्ताओं को जेल में यातनाएं सहनी पड़ी।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से आव्हान किया कि हमें घर-घर जाकर भारतीय लोकतंत्र के इस स्वर्णिम युग में पूर्व के काले इतिहास को भी बताना पड़ेगा जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी यह तय कर सके कि इस देश का भविष्य किन हाथों में सुरक्षित रहेगा।
उन्होंने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब इमरजेंसी लागू की तो लोकतंत्र के चारों स्तंभों को ध्वस्त कर दिया गया।
जिला अध्यक्ष संदीप गोयल ने कहा कि आज से 49 वर्ष पूर्व आपातकाल का दंश संपूर्ण देश को झेलना पड़ा था भारतीय लोकतंत्र और राजनीति का यह सबसे दु:खद दिन था आज इस अवसर पर आपातकाल के विरोध में उठी हर आवाज को मैं नमन करता हूं।
तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने सत्ता की मनमानी करते हुए संविधान का मखोल उड़आतै हुए हुए लोकसभा तक का कार्यकाल 06 वर्ष कर दिया था। इस अवसर पर जिला महामंत्री आशुतोष शर्मा, आशु चौधरी, जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा, मोर्चा जिला अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार, विक्रम भुल्लर, मनीष कुमार, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अमरीश गर्ग, नकली राम सैनी, मनोज शर्मा, सचिन शर्मा, रितु ठाकुर, चित्रा शर्मा, अभिनंदन गुप्ता, जयध्वज सैनी, देवेंद्र चौधरी, डॉ. राजकुमार सैनी, बृजेश शर्मा, हिमांशु राजपूत, अमित राज, नागेंद्र राणा, नाथी राम चौधरी, प्रिंस लोहाट, राजवीर कलानिया, विपिन शर्मा, विकास कुमार, विनीत चौहान, निशिकांत शुक्ला, संजीव चौधरी, शुभम राठी, मनीराम चौहान, निर्मल प्रधान, चमन चौहान, कमल प्रधान, पवनदीप, राजकुमार अरोड़ा, सिद्धार्थ कौशिक, मनोज वर्मा, धर्मेंद्र चौहान, सचिन सैनी आदि उपस्थित रहे।

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