पत्रकार मनोज सैनी ने उपनिबंधक, चिट्स एंड फंड, रोशनाबाद और उपजिलाधिकारी को पत्र देकर की सैनी आश्रम में वित्तीय अनियमितता सहित अन्य आरोपों की जांच की मांग
हरिद्वार। पिछले कई दिनों से सोशल और प्रिंट मीडिया में सैनी सभा(रजि0), सैनी आश्रम, ज्वालापुर में हुई भारी वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर सभा के अध्यक्ष, मंत्री, कोषाध्यक्ष और ऑडिटर के बीच वार-प्रतिवार का गंभीर मामला चल रहा है, जिससे सैनी समाज और सैनी आश्रम को लेकर अन्य समाज में सैनी समाज की छवि धूमिल हो रही है लेकिन समाज के किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति ने उक्त वार प्रतिवार को समाप्त करने की पहल नहीं की है। इसी बीच सैनी सभा( सैनी आश्रम), ज्वालापुर के संरक्षक मंडल के सदस्य वरिष्ठ पत्रकार मनोज सैनी ने वार प्रतिवार को रोकने के उपनिबंधक, चिट्स एंड फंड, रोशनाबाद, हरिद्वार और उपजिलाधिकारी, हरिद्वार की अनुपस्थिति में उनके कार्यालय में उपस्थित कर्मियों को सैनी सभा (रजि), सैनी आश्रम में पिछले 3 वर्षों में हुई वित्तीय गड़बड़ियों की निष्पक्ष जांच हेतु लिखित में ज्ञापन दिया है।
ज्ञापन में मनोज सैनी ने लिखा है कि सैनी सभा (रजि०), सैनी आश्रम, ज्वालापुर, हरिद्वार जिसकी नवीनीकरण संख्या 278 2017-18 एवम फाईल संख्या 16670M आपर्क यहां रजिस्टर्ड है। संज्ञान में आया है कि संस्था में वर्ष 2022 से वर्तमान तक बड़े पैमाने पर भारी वित्तीय अनियमितता और गबन हुआ है और अध्यक्ष, मंत्री द्वारा बिना कार्यकारिणी के प्रस्ताव के अधिकतर काम दिखाकर स्वयं व अपने कुछ सहयागियों द्वारा फर्जी बिल लगाकर जीएसटी और इनकम टैक्स के रूप में सरकारी राजस्व की चोरी की गई है। इतना ही नहीं अध्यक्ष एवं मंत्री द्वारा आश्रम के कार्यालय में यह भी नोटिस चस्पा किया गया है जिसमें लिखा गया है कि आश्रम के समस्त कर्मचारियों को सूचित किया जाता है कि सैनी आश्रम से संबंधित कोई भी दस्तावेज किसी भी व्यक्ति को अध्यक्ष जी एवं मंत्री जी की अनुमति के बिना नहीं दिया जाए। इतना ही नहीं संस्था के ऑडिटर समय सिंह सैनी द्वारा जो ऑडिट किया गया है, जिसमें लगभग बैंक से 88 लाख के लेन देन में 19 लाख की वित्तीय अनियमितता के साथ 5 लाख का गवन भी दर्शाया गया है। मगर अध्यक्ष और मंत्री द्वारा उक्त ऑडिटर को फर्जी ऑडिटर बताकर ऑडिट रिपोर्ट को खारिज किया जा रहा है। जिससे स्पष्ट है कि समाज की उक्त रजि० संस्था में सरकारी धन की चोरी के साथ-साथ भारी वित्तीय अनियमितता हुई है जिसे संस्था अध्यक्ष और मंत्री शातिराना तरीके से छुपाना चाहते हैं। इसलिए आपसे अनुरोध है कि समाज एवं आश्रम हित में संस्था का किसी बाहरी एजेंसी से निष्पक्ष ऑडिट कराया जाए।
ज्ञापन के साथ मनोज सैनी ने ऑडिटर द्वारा ऑडिट की गई जांच रिपोर्ट भी संलग्न की है।