फिर एक बार सुर्खियों में आया सैनी आश्रम, अध्यक्ष ने ऑडिटर के खिलाफ एसएसपी को दी शिकायत, ऑडिटर ने लगाएं कई गंभीर आरोप, निष्पक्ष जांच की मांग, जानिए मामला
हरिद्वार। सोशल मीडिया पर सैनी सभा(सैनी आश्रम) को लेकर किए जा रहे वार प्रतिवार के बीच सैनी सभा (सैनी आश्रम) प्रकरण अब हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के दरबार में पहुंच गया है।
अपने आपको सैनी सभा, सैनी आश्रम का अध्यक्ष बताने वाले आदेश सैनी सम्राट ने एक शिकायती पत्र एसएसपी महोदय को प्रेषित किया है जिसमें आदेश सैनी सम्राट ने लिखा है की वह वर्ष 2022 से 2024 सैनी सभा (रजि0) हरिद्वार सैनी आश्रम का निर्वाचित अध्यक्ष है और वर्तमान में अध्यक्ष के पद पर नियुक्त है। चुनाव के समय, समय सिंह सैनी ऑडिटर के पर पर निर्वाचित हुए थे। सैनी सभी (रजि०) हरिद्वार सैनी आश्रम के प्रस्ताव दिनांक 02.04.2023 की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था कि सैनी सभा व ऑल इण्डिया सैनी सभा के सदस्य एक ही सभा में रहेंगे। जबकि समय सिंह सैनी ऑल इण्डिया सैनी सभा का जिला अध्यक्ष है। उस मिटिंग में ऑडिटर समय सिंह सैनी को अपना पक्ष रखने हेतु सात दिन का समय दिया गया था तथा दिनांक 05.04.2023 को सैनी सभा (रजि०) हरिद्वार द्वारा अध्यक्ष व मंत्री द्वारा कारण बताओं नोटिस जारी किया गया लेकिन इसके बाद भी समय सिंह सैनी द्वारा अपना कोई स्पष्टीकरण नही दिया गया तथा 28.05.2023 को हुई मिटिंग में समय सिंह सैनी द्वारा अपना कोई पक्ष ना रखने और ना ही कोई जवाब देने के कारण समय सिंह सैनी को ऑडिटर के पद से मुक्त कर दिया गया। जो प्रस्ताव कार्यकारिणी की खुली बैठक में पारित किया गया। समय सिंह सैनी ने छल कपट व षडयंत्र के तहत कूटरचित दस्तावेजो के आधार पर दिनांक 27.08.2024 को अपने आप को लेखा निरीक्षक सैनी आश्रम ज्वालापुर हरिद्वार बताते हुए एक फर्जी ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर सैनी आश्रम ज्वालापुर हरिद्वार व उसके पदाधिकारियों की छवि धूमिल करने के आश्य से शोसल मीडिया पर प्रकाशित कर दी, जबकि उसे प्रकाशित करने का अधिकार किसी प्रकार का नही था। समय सिंह सैनी ने छल कपट व षडयंत्र के तहत कूटरचित दस्तावेजो के आधार पर तैयार फर्जी ऑडिट रिपोर्ट गलत तथ्यो के आधार पर सोशल मीडिया पर प्रकाशित की है। जिस पर समय सिंह सैनी के साथ मिले हुए लोगो द्वारा गलत टिप्पणी की गयी तथा सैनी बिरादरी को बदनाम किया गया है, जिससे अन्य बिरादरी वाले लोग मजाक बना रहे है। समय सिंह सैनी द्वारा छल कपट, षडयंत्र व कूटरचित दस्तावेजो को तैयार कर सोशल मीडिया पर प्रकाशित कर आई.टी. एक्ट का उल्लंघन किया गया है। समय सिंह सैनी के विरुद्ध थाना कोतवाली ज्वालापुर पर रिपोर्ट दर्ज कराकर उचित कानूनी कार्यवाही किये जाने के आदेश पारित करने की कृपा करे। अति कृपा होगी।
ज्वालापुर चौकी प्रभारी ऋषिपाल पटवाल जी से जानकारी ली तो उन्होंने बताया की यह पत्र चौकी में आया हुआ है और इसकी जांच के लिए दोनों पक्षों को बुलाया जाएगा।
अध्यक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों पर जब ऑडिटर समय सिंह सैनी बताया की अध्यक्ष की तरफ से उनके व्हाट्सएप पर एक मेसेज आया था, जिसका उन्होंने व्हाट्सएप पर जवाब भी दे दिया था और वह सभा की अधिकतर बैठकों में ऑडिटर की हैसियत से अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त को आश्रम के सभागार में हुई बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों और पदाधिकारियों, संरक्षक मंडल ने सर्वसम्मति से मुझे ऑडिट करने का निर्देश दिया गया था। समाज के निर्देशों का पालन करते हुए मैने सभा के मंत्री और कोषाध्यक्ष द्वारा दिए गए दस्तावेजों के आधार पर ऑडिट रिपोर्ट तैयार की, मगर अध्यक्ष ने अपने पास रखे बताए गए दस्तावेज उन्हे उपलब्ध नहीं कराए जबकि वे ऑडिट के समय मौजूद थे, जिसकी आश्रम में लगे सीसीटीवी फुटेज से सत्यता का पता चल जायेगा। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था 15 दिन के अंदर ऑडिट करके उसकी रिपोर्ट सभा के सभी सदस्यों, पदाधिकारियों और संरक्षक मंडल को पीडीफ बनाकर व्हाट्सएप के माध्यम से भेज दी जाए जिससे की आने वाली बैठक में सभी साथी ऑडिट रिपोर्ट पढ़कर आएं और जिससे कि सदस्य सभा अध्यक्ष, मंत्री से सवाल जवाब कर सकें। समय सिंह सैनी ने बताया की ऑडिट रिपोर्ट उन्होंने दिखाई गए दस्तावेजों में जो पाया उसे अक्षरश लिख दिया। यदि फिर भी किसी भी समाज के व्यक्ति को ऑडिट रिपोर्ट पर शक या संदेह है तो किसी बाहरी एजेंसी से सभा का ऑडिट करवा सकती है। उन्होंने बताया की सभा के दस्तावेज देखने पर मालूम हुआ की पिछले 3 वर्षों में 19 लाख की वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई है और अध्यक्ष द्वारा बिल्डर केपी सिंह द्वारा सैनी आश्रम के नाम पर दिए गए 5 लाख के चैक का गबन किया गया है।
सैनी सभा(सैनी आश्रम) में ऑडिट रिपोर्ट में उजागर हुई वित्तीय अनियमितता और गबन को लेकर अध्यक्ष, मंत्री और उनके सहयोगी बौखलाए हुए घूम रहे हैं और उक्त सभी के द्वारा समाज के अन्य सामाजिक और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के खिलाफ अनर्गल, बेबुनियाद, झूठे आरोप लगाकर सोशल मीडिया में अपनी वीडियो डालकर सैनी समाज को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि उनके पास ऑडिट रिपोर्ट को लेकर कोई पुख्ता जवाब नहीं है। सभा के आरोपी अध्यक्ष, मंत्री और उनके चंद सहयोगी समाज में घूम घूमकर अनाप शनाप बकवास करते घूम रहे है मगर पुख्ता साक्ष्यों सहित कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने हरिद्वार के पुलिस कप्तान से भी अनुरोध किया है कि वे मामले की गंभीरता को देखते हुए सभा के दस्तावेजों की किसी बाहरी व्यक्ति से निष्पक्ष जांच करवाने का कष्ट करें।