कोरोना जांच को लेकर महाकुंभ के बाद एक और मामला आया सामने, प्रशासन ने कोरोना जांच की निजी कंपनी से मांगा स्पष्टीकरण ,जानिए।

हरिद्वार / तुषार गुप्ता

महाकुंभ में हुए कोरोना जांच घोटाले के बाद एक और फर्जीवाड़ा होने की आशंका जताई जा रही। आंध्र प्रदेश के एक पीएचडी के छात्र ने जिलाधिकारी और एसएसपी को इस घोटाले की जानकारी दी है। साथ ही सीएमओ ऑफिस ने मंगलवार को नारसन बॉर्डर पर कर रही कोरोना जांच कि निजी फर्म को 3 दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।

मामले की बात की जाए तो मामला 23 दिसंबर 2021 का है जिसमें आंध्र प्रदेश के पीएचडी के छात्र दिल्ली से रुड़की आ रहे थे तभी उनकी चेकिंग नारसन बॉर्डर पर हुई जहां उनसे और बस में बैठे यात्रियों से आधार कार्ड और उनका फोन नंबर मांगा गया। जिसके कुछ मिनटों बाद छात्र और बस में बैठे कुछ यात्रियों के पास कोरोना के सैंपल लिए जाने का मैसेज आया जिसके बाद छात्र असमंजस में पड़ गया कि जब उसने कोई कोरोना की जांच नहीं करवाई तो ऐसे में कोई मैसेज आना आशंका पैदा करता है।

जिसके बाद उसने उत्तराखंड के उच्च अधिकारियों और हरिद्वार के जिलाधिकारी को मेल किया और इस फर्जीवाड़े के बारे में संज्ञान लेने को कहा जिसके बाद कोई भी कार्यवाही नहीं हुई। लेकिन अब सीएमओ हरिद्वार खगेंद्र कुमार ने 3 दिन के भीतर नारसन बॉर्डर पर कोरोना जांच कर रही निजी कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा है। वही सीएमओ खगेंद्र कुमार ने कहा है कि मामले की जांच निरपेक्ष की जाएगी।

इस मामले के बाद से प्रशासन पर भी सवाल उठते हैं कि 2021 में हुए महाकुंभ में टेस्टिंग घोटाला के बाद दोबारा निजी कंपनियों की टेस्टिंग को लेकर जांच नहीं की जा रही है जिसको लेकर यह सवाल हरिद्वार प्रशासन पर अब खड़ा होता नजर आ रहा है।

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