महापुरुषों की जयन्ती पर पुष्प ही न चढ़ाएं, बल्कि उनके आदर्शों को भी अपनाएं -जितेन्द्र रघुवंशी।

हरिद्वार। भारतीय स्वाधीनता संग्राम के कर्णधार द्वय महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर योग भवन, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री राजेन्द्र बहादुर सिंह मार्ग, प्रज्ञाकुञ्ज जगजीतपुर में श्रद्धांजलि एवं प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, इसमें संगठन के अध्यक्ष देशबन्धु सहित स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों के भाई बहन तथा स्थानीय गणमान्य नागरिकों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलियां समर्पित कीं। संगठन के अध्यक्ष देशबन्धु तथा मार्गदर्शक मंडल के सदस्य वीरेन्द्र कुमार गहलौत ने दोनों महापुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण किया।
प्रज्ञाकुञ्ज के संस्थापक तथा स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने उपस्थित स्वजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत वर्ष को स्वतंत्रता दिलाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानियों का यह देश सदैव ऋणी रहेगा, हम महापुरुषों की जयन्ती पर केवल पुष्प ही न चढ़ाएं बल्कि उनके आदर्शों को अपने जीवन में धारण कर सकें तो ही जयन्ती मनाना सार्थक होगा। रघुवंशी ने कहा कि गांधी जी के विचारों ने उन्हें समूचे विश्व में प्रतिष्ठित किया है, देश को यदि प्रगति पथ पर आगे बढ़ाना है तो गांधीजी के अहिंसात्मक विचारों को ही आत्मसात करना होगा। गांधीजी के संकल्प को याद कराते हुए रघुवंशी ने कहा कि स्वतंत्रता की प्राप्ति के पहले गाँधी जी ने देशवासियों को आश्वासन दिया था कि स्वतंत्रता मिलते ही गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध तथा शराबबंदी के लिए कानून बनाया जाएगा, पर आज स्वतंत्रता के ७९ साल बाद भी हम गांधी जी के अरमानों को पूरा नहीं कर सके।
संगठन के अध्यक्ष देशबन्धु ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गांधीजी तथा शास्त्री जी के चित्रों पर दो पुष्प चढ़ा कर औपचारिकता तो हम प्रतिवर्ष पूरी कर लेते हैं, पर गांधी जी से स्वच्छता और शास्त्री जी से सादगी और मितव्ययिता की सीख नहीं ले पाते हैं। संगठन के कोषाध्यक्ष आदित्य गहलौत ने श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए कहा कि पूरे देश ने महात्मा गांधी की अगुवाई में स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी और अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी तथा बड़े से बड़ा बलिदान देने से भी पीछे नहीं हटे। आज हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों के कारण ही आजादी की हवा में साॅंस ले रहे हैं। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संजय चौबे ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि यह देश सर्वधर्म समभाव का देश है तथा हम सब को भाईचारे के साथ इस देश में रहना है तथा हमें पुनः इस देश में भाईचारे की भावना को मजबूत करना होगा।
श्रद्धांजलि सभा में स्वतंत्रता सेनानी परिवारों से सर्वश्री विवेक शर्मा, रमेश कुमार, आदित्य गहलोत, सतेन्द्र सिंह बिष्ट, परमेश चौधरी, नरेन्द्र कुमार, जगदीश, सुशील कुमार, अरविन्द कौशिक सहित स्थानीय गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।

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