विपरीत आहार से बचिए, अपनाए स्वस्थ जीवन शैली,जानिए


हरिद्वार कनखल के प्रसिद्ध वैद्य आज आपको बता रहे हैं किस तरह से आप विपरीत आहार से बचकर आप अपने शरीर को स्वस्थ बना सकते हैं ।
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आयुर्वेद (अष्ट्रांग हृदयम) में 18 प्रकार के विरुद्ध आहार बताए गए हैं, जो निम्नवत हैं:-

  1. देश विरुद्ध – ठंडे देशों में ठंडा आहार।
  2. काल विरुद्ध – रात्रि में दही खाना।
  3. अग्नि विरुद्ध – मंदाग्नि वाले गुरु आहार करें।
  4. मात्रा विरुद्ध – शहद व घी की समान मात्रा।
  5. सात्यतम विरुद्ध – जो शरीर के अनुकूल न हो।
  6. दोष विरुद्ध – किसका, कैसा, व्रत-त्योहार के अनुकूल भोजन न करना।
  7. अवस्था विरुद्ध – अपनी अवस्था के विरुद्ध आहार।
  8. क्रम विरुद्ध – कडुवा – तिक्त – मीठा खाना।
  9. परिहार विरुद्ध – जैसे चाय के बाद जल का सेवन।
  10. संस्कार विरुद्ध – दही, शहद गर्म करके खाना।
  11. कोष्ठ विरुद्ध – जिसको खाकर कब्ज हो जाये।
  12. वीर्य विरुद्ध – दूध व मछली का सेवन।
  13. उपचार विरुद्ध – परहेज के विरुद्ध आहार।
  14. पाक विरूद्ध – सरसों के तेल में कबूतर का माँस पकाना।
  15. संयोग विरुद्ध – दूध के साथ फल खाना।
  16. हद विरुद्ध – बिना भूख के, चिंता, शोक, क्रोध में भोजन करना।
  17. सम्पाद विरुद्ध – अच्छी गुणवत्ता का भोजन न करना।
  18. विधि विरुद्ध – खाने के नियमों का पालन न करना।

इन सात फलों को कभी मिलाकर न पियें।

  1. अमरूद व केला,
  2. नारंगी व गाजर,
  3. केला व नींबू,
  4. पपीता व नींबू,
  5. अनानास व दूध, तथा
  6. मूली व दूध।

आपस में नहीं खाना चाहिए।

  1. दूध (मृदु, मधुर, रस, शीत, वीर्य, स्निग्ध, गुरु, मंद) के साथ लवण (उष्ण, तीक्ष्ण, सूक्ष्म), प्याज, कटहल, मछली, खट्टे फल, केला, मूली, दही।

दूध में मौजूद कैल्शियम फलों के एंजाइम्स को सोख लेते हैं।

एक जानवर से बनी चीज व दूसरे जानवर से बनी चीज। जैसे – दूध – अंडा, दूध – शहद आदि।

  1. दही के साथ ककड़ी, मछली, लहसुन, नमक, भिंडी द्विदाल, जैसे – उड़द।
  2. शहद के साथ नमक, घी, चूना।
  3. पनीर के साथ पालक, केला।
  4. पके कटहल के साथ पान।

कुछ और जानकारी

  1. भोजन के तुरन्त बाद फल।
  2. चावल के साथ आलू।
  3. कोल्डड्रिंक्स के साथ पिपरमिंट की गोली व पान मसाला।
  4. चिकन के साथ मिठाई या जूस।
  5. मिक्स फ्रूट या मिक्स सलाद जैसे – टमाटर खीरा।
  6. ककड़ी, खरबूजा, तरबूजे के बाद पानी न पियें।
  7. चाय के साथ बिस्कुट या ब्रेड खाना।
  8. भोजन के बाद आइसक्रीम खाना।
  9. कभी भी गर्म करके ना खाये – दही, शहद, नींबू।

वात, पित्त, कफ के लिए
वात कारक कटु, तिक्त, कषाय।
पित्त कारक अम्ल, लवण, कटु।
कफ कारक मधुर, अम्ल, लवण।

भोजन करते समय
भोजन को पियें, पानी को खायें।

  • सबसे पहले मीठा, फिर नमकीन, अंत में कडुवा, कसैला खाना चाहिए।
  • सबसे पहले रसदार, बीच में गरिष्ठ, अंत में द्रव पदार्थ ग्रहण करें !

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