हरिद्वार के 50 रेडक्रॉस स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित कर फर्स्ट रिस्पांडर्स बनाया…

हरिद्वार। परिवहन विभाग एवं एम्स ऋषिकेश के संयुक्त तत्वाधान में उत्तराखंड के सभी 13 जनपदों से फर्स्ट रिस्पांडर्स तैयार किया जा रहे हैं। जिसके लिए प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से प्रत्येक जनपद से 50 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित कर प्रदेश में 650 फर्स्ट रिस्पांडर्स का लक्ष्य रखा गया। इसी के तहत जनपद हरिद्वार के 50 रेडक्रॉस स्वयंसेवकों को एम्स के ट्रॉमा सेंटर एवं क्रिटिकल केयर के विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित कर फर्स्ट रिस्पांडर्स बनाया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ एम्स की निदेशक डॉ. मीनू सिंह, संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.बी. कालिया, रक्तकोष अधीक्षक डॉ. गीता नेगी, ट्रॉमा सेंटर एवं क्रिटिकल केयर के अधीक्षक प्रो. डॉ. कामर आजम, कार्यक्रम निदेशक एवं ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल, संयोजक महेश गजानन देवस्थले, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. गिरीश एवं ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के एनाटॉमी विभागाध्यक्ष/ रेडक्रॉस सचिव प्रो. डॉ. नरेश चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। एम्स निदेशक डॉ. मीनू सिंह ने प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ट्रॉमा सेंटर एवं क्रिटिकल केयर के ट्रेनर्स द्वारा तैयार किए गए सभी फर्स्ट रिस्पांडर्स प्रदेश के विभिन्न सड़क दुर्घटना क्षेत्र से दुर्घटनाओं की स्थिति में ट्रॉमा रोगियों के लिए मुख्य रूप से मददगार सिद्ध होंगे, जिनकी सहायता से मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। कोर्स निदेशक ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल ने प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारियां देते हुए कहा कि दुर्घटना होने की स्थिति में पहले 03 घंटे का समय अहम होता है, जिसमें सर्वाधिक मृत्यु दर 80 प्रतिशत होता है। प्रथम रिस्पांडर्स की सहायता से समय से चिकित्सा सुविधा में सहयोग करने से ट्रॉमा रोगियों का बहुमूल्य जीवन बचाया जा सकता है। ट्रॉमा सेंटर एवं क्रिटिकल केयर अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. कामर आज़म ने कहा कि सभी फर्स्ट रिस्पांडर्स एम्स में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ ट्रॉमा के मामलों मे जनमानस को जागरूक करने में भी अहम भूमिका का निर्वहन करेंगे। सभी रिस्पांडर्स को ट्रॉमा सेंटर की टीम का सदस्य बना कर व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा जाएगा, जिससे समय से एक-दूसरे का सक्रिय सहयोग मिलेगा।

ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के शरीर रचना विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश चौधरी ने कहा कि मेरे स्वयं एवं सभी जनपद हरिद्वार के रेडक्रॉस स्वयंसेवकों के लिए गर्व का विषय है कि इस चुनौतीपूर्ण स्वयं सहायता टीम का सक्रिय सदस्य होने का अवसर मिला और एम्स के विशेषज्ञों द्वारा विशेष रूप प्रशिक्षित किया गया, जिससे अधिक से अधिक जनमानस की जीवन रक्षा में लाभ होगा। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.बी. कालिया ने कहा कि सभी रिस्पांडर्स एम्स की आकस्मिक चिकित्सा के लिए भी सक्रिय सहभागिता कर घायलों को समय रहते चिकित्सा सुविधा हेतु अस्पताल पहुंचाने में सहयोगी होंगे। कार्यशाला में ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं, रेडक्रॉस स्वयंसेवकों, श्री राम विद्या मंदिर स्कूल के शिक्षकों को प्राथमिक उपचार, सी.पी.आर, लाग रोलिंग, आकस्मिक चिकित्सा, गंभीर घायलों को प्राथमिक सहायता, सांप और जहरीले कीड़ों के काटने से प्राथमिक उपचार पर विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में ट्रॉमा सेंटर के वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी अखिलेश उनियाल, शशिकांत, दीपिका कांडपाल, सुशीला, पन्नु, प्रज्ञा नौटियाल, राखी यादव, शीला, लवी पुंडीर, हिमांशु पाठक, तरन्नुम अहमद एवं नर्सिंग अधीक्षक महेश गजानन देवस्थले के निर्देशन में प्रशिक्षण दिया गया। अंत में यूथ रेडक्रॉस प्रभारी श्रीमती पूनम ने परिवहन विभाग से आरटीओ शैलेश तिवारी, एआरटीओ रश्मि पंत, पंकज श्रीवास्तव एवं एम्स के सभी ट्रेनर्स का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

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