एसएमजेएन (पीजी) काॅलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना छात्रा इकाई द्वारा मेंहन्दी एवं रंगोली प्रतियोगिता का किया गया आयोजन…

हरिद्वार। राष्ट्रीय सेवा योजना छात्रा इकाई एसएमजेएन (पीजी) काॅलेज द्वारा विशेष रात्रि दिवसीय चतुर्थ दिवस पर मेंहन्दी एवं रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं का शुभारंभ राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम समन्वयक हरिद्वार जिले के डाॅ. एस.पी. सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने अपने निरीक्षण में छात्राओं को राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना के उद्धेश्य बताये एवं इस योजना के मुख्य विषयों का उजागर करते हुए सरकार की इस योजना की जानकारी छात्राओं को साझा की। डाॅ. एस.पी. सिंह ने छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि युवाओं का राष्ट्रीय सेवा से जुड़ना इस छात्र जीवन में इसलिए उपयोगी है क्योंकि छात्र जीवन में संकल्प दृढ़ता एवं समय का संन्तुलन रहता है तथा युवा समाज को पर्यावरण, सामाजिक संकट, शिक्षा एवं सतत विकास के बारे में जागरूक कर सकता है, इसलिए सात दिवसीय इस कार्यक्रम में शिविर स्थल पर रहते हुए किसी एक क्षेत्र को अधिग्रहित किया जाता है। अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए समन्वयक डाॅ. एस.पी. सिंह द्वारा प्रतियोगिताओं में स्थान प्राप्त करने वाली स्वंय सेविकाओं को पुरस्कृत किया गया। मेहंदी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कुमारी आरती, द्वितीय स्थान कुमारी श्वेता, तृतीय स्थान खुशबू भारद्वाज ने प्राप्त किया। सांयकालीन बौद्धिक सत्र में प्रो. कामना जैन, राजनीति विज्ञान विभाग एस.एस.डी.पी.सी. महाविद्यालय रूडकी हरिद्वार द्वारा वर्तमान समय में कन्या शिक्षा की महत्वता विषय पर छात्राओं के समक्ष व्याख्यान किया गया। डाॅ. कामना जैन ने कन्याओं की शिक्षा को नारी सशक्तिकरण एवं सामाजिक पारिवारिक विकास के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण माना क्योंकि एक कन्या ही भावी भविष्य के पारिवारिक विकास का केन्द्र होती है, उसके शिक्षित होने पर अन्य परिवार जनों पर ही नहीं बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक वातावरण भी प्रभावित होता है, शिक्षा ग्रहण करने से ही मजबूत सशक्त कामयाब जागरूक नारी बनना सम्भव है इसलिए कन्या शिक्षा को अनिवार्य रूप से सामाजिक स्वीकार्यता प्राप्त होनी चाहिए इसके लिए स्वंय को तैयार रखने की आवश्यकता है। शिविर में दीपांशी, मुस्कान, सलोनी, गंगा, डोली, खुशबू, ममता, चंचल, कशिश, आरती, आकांक्षा, सीमा, तन्नु, इशा, पायल, मुस्कान ठाकुर, आरती, प्रीति आदि उपस्थित रहे।

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