प्रयागराज में पहुंचे श्री सच्चा आश्रम से जुड़े देशभर के संत,बैठक कर चंद्रदेव मिश्रा का किया विरोध,जानिए मामला

पूज्यपाद संत श्री सच्चा बाबा जी महाराज ने 1964 में सोसायटी संत संघ श्री सच्चा आश्रम की स्थापना की ,जिसमें विभिन्न प्रकार की सामाजिक सेवा कार्य ,एवं आवासीय छात्रावास एवं महाविद्यालय संचालित हो रहा है ,वर्तमान में श्री सच्चा आश्रम के प्रांगण में पूर्व प्राचार्य चंद्रदेव मिश्रा द्वारा कई कार्य आश्रम की परंपरा के विरुद्ध किए जा रहे हैं जैसे आश्रम में महंती परंपरा नहीं रही है यह आश्रम सदैव गुरु परंपरा से चला आ रहा है ,जिसे चंद्रदेव मिश्रा ने आश्रमीय परंपरा को बदलने का प्रयास किया है ।जिसका सच्चा आश्रम की विभिन्न शाखाओं से आए संतों ने कड़ा विरोध किया साथ ही भक्तजन व स्थानीय ग्रामीणों ने भी इसकी भर्त्सना और घोर निंदा की ।इसी क्रम में श्री सच्चा आश्रम के प्रांगण में एक बैठक हुई जिसमें पूर्व प्राचार्य चंद्रदेव मिश्रा द्वारा अवैधानिक रूप से बने महंत पद का घोर विरोध किया गया ,जिसमें मुख्य रूप से आश्रम की विभिन्न शाखाओं आए संत जन जिनमें ,स्वामी राजेंद्र जी(पंजाब,)स्वामी दयानंद जी(बिहार), स्वामी शैलेश जी(प्रयाग) स्वामी बसंत जी(नांगल पंजाब(, स्वामी ललित ब्रह्मचारी जी(कर्बी), अजय ब्रह्मचारी जी(हर्रिद्वार), स्वामी नंदकिशोर जी(गुना मध्य प्रदेश), केशव मालवीय जी प्रयागराज,देव ब्रह्मचारी जीअरैल,शैलेश ब्रह्मचारी जी(बलुआ घाट),मनोज ब्रह्मचारी जी (प्रतापगढ़),श्री राम शिरोमणि त्रिपाठी जी ऋषिकेश,महेश सेठ जी दिल्ली,योगेश अरोरा जी दिल्ली,स्वामी लोकपाल जी ऋषिकेश,कृष्णा ब्रह्मचारी जी प्रयागराज,नरसिंह मुखिया जी,राम जी यादव,गुरु प्रकाश राव,वीनू dixit, विष्णुकांत पांडेय,योगेश सिंह,शिव तिवारी जी,सुरेंद्र शुक्ल, जयव्रत सिंह जी,आशीष पांडेय,रवि भूषण सिंह जी ,ध्रुव तिवारी जी,सौरभ शास्त्री ,आदर्श त्रिपाठी जी, एवं स्थानीय ग्रामवासी उपस्थित रहे । सभी संत समाज के संतों से अनुरोध है कि चंद्रदेव मिश्रा जो कि सद्गृहस्थ है और सांसारिक जीवन में लिप्त है । आप सभी संतों से अनुरोध है कि इसके छल प्रपंच में न आए ।