पटवारी परीक्षा प्रकरण पहुंचा आयोग,हरिद्वार के भदोरिया बंधुओ ने सरकार का लिया पक्ष

हरिद्वार के अरुण भदोरिया एडवोकेट ,कमल भदोरिया एडवोकेट , श्रीमती सुमेधा भदोरिया एडवोकेट पत्नी श्री अनिरुद्ध प्रताप सिंह व चेतन भदोरिया LLB अध्यनरत के द्वारा राज्य मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में शासन के मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव गृह के विरुद्ध एक याचिका दायर की है जिसमें याचिका करता गण के द्वारा लिखित में जानकारी दी गई की यूकेएसएसएससी के द्वारा जो हाल में ही पटवारी की परीक्षा कराई गई बिना किसी आधार व बिना किसी अधिकारियों के संलिपिता के मामले के ही राज्य के कुछ व्यक्तियों के द्वारा तूल देकर पूरे देश हिंदुस्तान में तहलका मचाया गया। उत्तराखंड के कई पुलिस अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी जिनके ईमानदारी की बातें जब अरुण भदोरिया एडवोकेट हाल में ही एक प्रोग्राम में मुंबई में गए तो उन्हें सुनने को मिला तो उन्होंने वहां की सुनी हुई बात से अपने आप को दिल गदगद हो जाना बताया और ईमानदार अधिकारियों की चर्चा मंच से लिए जाने को गर्व महसूस करना याचिका में बताया गया ।साथ ही उत्तराखंड राज्य में तैनात रहे डीआईजी श्री गणेश सिंह मार्तोलिया जो कि वर्तमान में यू के एसएससी के अध्यक्ष जो कि अपने पुलिस के कार्यकाल में भी ईमानदार रहे और यही उनके कार्यशैली है साथ ही जो हमारे राज्य के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जो अपनी मेहनत और कर्मठता से लगातार मुख्यमंत्री बने हुए हैं और लंबे समय तक मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड श्री पुष्कर सिंह धामी का बताया है यह भी जानकारी दी गई कि जब भी कोई व्यक्ति विकास करता है तो उसके आसपास नेगेटिव एनर्जी वाले लोग इकट्ठा हो जाते हैं जिसका नतीजा पटवारी की परीक्षा पेपर लीक का आरोप लगाए जाने का कुछ लोगों का परिणाम बताया है याचिका में यह भी जानकारी दी गई कि खालिद नाम का व्यक्ति जो सुल्तानपुर लक्सर जिला हरिद्वार का निवासी है उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया गिरफ्तार किया गया, जेल भेजा गया और इस सारी प्रक्रिया में कहीं भी शासन और यूके एसएसएससी जो आयोग है किसी भी कर्मचारी का कोई भी संलिप्त नहीं आई ,साथ ही मुख्यमंत्री उत्तराखंड के द्वारा एक SIT का गठन ईमानदार अधिकारियों के नेतृत्व में है और साथ ही सीबीआई से इस प्रकरण के जांच कराए जाने के लिए भी मुख्यमंत्री ने संस्तुति कर दी है इसके बावजूद उत्तराखंड राज्य के सीधे-साधे भोले भाले युवाओं को इस मामले में तूल देने के लिए भड़काया गया और उन युवाओं को किसी भी नेता व सहयोगियों द्वारा सच्चाई से अवगत नहीं कराया गया ।खालिद जो जेल में है उसके द्वारा उसकी स्कूल की दीवार कूदकर अंदर आना यह जानकारी तक भी उन युवाओं और आंदोलनकारी को किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति के द्वारा नहीं दी गई नतीजा एक विशाल आंदोलन का रूप देने में सहयोग किया गया। सच्चाई तो यह है कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष श्री गणेश सिंह मार्तोलिया को निशाना बनाकर उत्तराखंड राज्य में माहौल को खराब करने के लिए कुछ गैर जिम्मेदार राज्य में व्यक्ति हैं जिनकी मनसा तो पूरी नहीं हुई लेकिन उनके द्वारा एक ईमानदार अधिकारियों की छवि को गिराकर उत्तराखंड राज्य के मानवो के अधिकारों का जानबूझकर उल्लंघन किया गया है याचिका में याचिका करता गण ने मांग की है कि मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार व प्रमुख सचिव गृह पटवारी परीक्षा को लेकर आंदोलन करने वाले नेताओं के मोबाइल नंबर की जांच परीक्षा की तिथि से वर्तमान तक कराई जाए ताकि स्पष्ट हो सके कि राज्य के सीधे-साधे भोले भाले युवाओं को किस-किस जिम्मेदार व्यक्तियों के द्वारा बहलाया व भड़काया गया साथ ही अधिकारी व का शासन के कर्मचारी किसी का भी कोई संलिप्त ना होने के बावजूद किसी गैर जिम्मेदारान व्यक्ति के द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी आयोग के अध्यक्ष श्री गणेश सिंह मार्तोलिया को इस संबंध में टारगेट किए जाने का षड्यंत्र साजिश रची गई और उक्त साजिश व षड्यंत्र के सभी षड्यंत्र कार्यों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई किए जाने के आदेश की मांग राज्य मानवाधिकार आयोग से की गई है


