भाजपा मंडल अध्यक्ष और स्वामी यतिस्वरानंद पर लगे अवैध खनन करने के आरोप, जानिए यह खेल।

हरिद्वार/ तुषार

लालढांग क्षेत्र के रवासन नदी में चल रहे बड़े पैमाने में अवैध खनन अब चुनावी मुद्दा बन चुका है। प्रशासन और राज्य सरकार इस बला से पल्ला झाड़ना चाह रहे है लेकिन विपक्षी पार्टी के राजनेता इसे 2022 विधानसभा चुनाव का एक अहम मुद्दा बनना चाहती है और लगातार मजूदा सरकार पर तंज कस रही है। खनन की साफ तस्वीरे भी यह बया कर रही है की सरकार और प्रशासन के सहयोग से गंगा की खुदाई कर माल बाटा जा रहा है। साफ-साफ लोगों को इतने बड़े पैमाने पर अवैध खनन दिखाई दे रहा है लेकिन जिला प्रशासन सुध नहीं ले रहा है।

सरकार का अवैध खनन के रोकदाम पर करवाई करना मुश्किल हो रहा है क्योंकि खनन को लीज पर लेना वाला ही भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष आलोक द्विवेदी है और इनकी एक ओर खास बात है की यह हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा के मंत्री स्वामी यतिस्वरानंद के प्रिय है। जिला प्रशासन भी चुप चाप देख कर ताली बजा रहा है जैसे कोई तमाशा चल रहा हो । आलोक द्विवेदी पहले से ही प्रशासन में डिफॉल्टर है तो दुबारा उनको मिनिंग के लिए आदेश कैसे दिए गए। किराए पर जमीन लेकर करोड़ों का काम जोरो शोरो पर है ।

जहा भाजपा छोड़ दूसरी राजनेतिक पार्टी में जुड़े लोग बीजेपी के कुकर्मों को उजागर कर रहे है तो वही भारतीय जनता पार्टी अपना बचाव करने का प्रयास कर रही है । आम आदमी पार्टी और कांग्रेस लगातार राज्य सरकार को यही मुद्दे को राजनेतिक बहस बनाना चाहती है लेकिन भाजपा के कार्यकर्ता रहे चुके नरेश शर्मा जो अब आम आदमी पार्टी में है उन्हे भी पार्टी छेड़ते ही खनन और बीजेपी के काले कारनामे दिखाई दे रहे है । पहले एक ही पार्टी में रहे आलोक द्विवेदी ने नरेश शर्मा पर वसूली मांगने के आरोप भी लगाए है । अब देखने की बात होगी की क्या यह चुनावी मुद्दा बनेगा और साथ-साथ इतने बड़े पैमाने में हो रहा खनन पर अंकुश लगेगी साथ ही गैर कानूनी ढंग से खनन करने पर मंडल अध्यक्ष आलोक द्विवेदी को पार्टी से बर्खास्त किया जाएगा।

पर्यावरण को हुआ क्या नुकसान

इस तरह से लगातार अवैध खनन करने से पानी का जलस्तर आने वाले समय पर बढ़ेगा और पहाड़ खिसकने का खतरा बना रहेगा। साथ ही साथ दुनिया में बढ़ते जा रहे प्रदूषण से हिमालय के ग्लेशियर वक्त से पहले टूट रहे हैं जिसके कारण जल स्तर बढ़ने की और उम्मीद है ऐसे में पर्यावरण को हानि पहुंचाना सही नहीं है।

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