बड़े अखाड़े की बड़ी खबर, अखाड़े का ऑडिट करने के आदेश, सहायक रजिस्ट्रार प्रयागराज ने इस कंपनी को किया नामित, 2 महीने में ऑडिट करने के आदेश, जानिए मामला
हरिद्वार/ प्रयागराज। सहायक रजिस्ट्रार फॉर्म्स सोसाइटी एंड चिट्स, प्रयागराज द्वारा श्री पंचायती अखाड़ा, बड़ा उदासीन प्रयागराज का ऑडिट करने के आदेश जारी किए गए हैं। श्री विवेक तिवारी एंड कंपनी को सहायक रजिस्ट्रार कौशलेंद्र सिंह ने अखाड़े का ऑडिट करने के लिए नामित किया है, कंपनी को 2 महीने के अंदर अखाड़े का ऑडिट करके अपनी रिपोर्ट रजिस्ट्रार कार्यालय में प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं। अखाड़े के पदाधिकारी को कंपनी की जांच में सहयोग करने के भी आदेश दिए गए हैं।
दरअसल अखाड़े के मुखिया महंत रघुमुनि महाराज ने 29 जुलाई 2024 को सहायक रजिस्ट्रार प्रयागराज के यहां एक शिकायती पत्र देकर सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 की धारा 24 के तहत श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन का स्वतंत्रता एजेंसी के माध्यम से जांच करने की मांग की गई थी। जिसमें महंत रघुमुनि द्वारा तीनों महंत महेश्वर दास, दुर्गादास और उद्वतानंद पर लगातार वित्तीय अनियमितताएं, अखाड़े का कुप्रबंधन सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए जांच करने की मांग की गई है। महंत रघुमुनी द्वारा रजिस्ट्रार से अखाड़े का रिकॉर्ड, ब्राह्मण शील जमात की संकल्प पुस्तिका, पिछले 1 साल में पंच परमेश्वर के नाम से जारी किए गए सभी पत्र अन्य जानकारी मांगने, धन की हेरा फेरी और वित्तीय अनियमितताएं, कुप्रबंधन की जांच करने की मांग की गई है, ये भी मांग की गई है कि आगे से अखाड़े में पंच परमेश्वर के उप नियमों का शक्ति से पालन कराया जाए ।
जिसका संज्ञान लेते हुए सहायक रजिस्टर कौशलेंद्र सिंह ने स्वतंत्र एजेंसी श्री विवेक तिवारी एंड कंपनी को अखाड़े का ऑडिट करने के निर्देश दिए हैं।
अखाड़े के मुखिया में रघुमुनि महाराज ने शिकायत पत्र में बताया कि अखाड़े के संविधान का उल्लंघन करते हुए 2 मई 2023 को तीनों महंतो ने एक अवैध प्रस्ताव पास करके श्री महंत रघुमुनि महाराज, अखाड़े के महासचिव महंत अग्रदास कोठारी महंत दामोदर दास महाराज को हटाने की साजिश रची थी, अगले दिन 3 मई को 2023 को एक और साजिश रच कर महंत व्यास मुनि को कार्यवाहक सचिव और हंसमुनी को कार्यवाहक सहायक सचिव नियुक्त किया था ,इस अवैधानिक प्रस्ताव के खिलाफ हमारे द्वारा एलडी जज सीनियर डिवीजन, प्रयागराज के यहां केस दायर किया गया था जिसमें सुनवाई के बाद 23 मई 2023 को माननीय कोर्ट ने असवैधानिक मानते हुए 2 मई और 3 मई के प्रस्ताव को स्टे कर दिया था। उसके बाद कोर्ट के आदेशों को दरकिनार करते हुए तीनों महंतो और इनके द्वारा बनाए गए कथित कार्यवाहक सचिव महंत व्यास मुनि और सहायक सचिव द्वारा अखाड़े के मुख्यालय प्रयागराज में 27 मई 2023 को एक और बैठक दिखाने की साजिश रची गई थी उसे बैठक में जिन लोगों के हस्ताक्षर कराए गए थे वह लोग उसे दिन प्रयागराज में उपस्थित ही नहीं थे जिसके खिलाफ सचिव अग्रदास द्वारा महंतो और इन कथित सचिव, सहायक सचिव के खिलाफ कोर्ट में 420 धारा सहित आपराधिक धाराओं में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है,
शिकायत पत्र में बताया कि तीनों महंतो द्वारा अपने कुछ चेलों को साथ मिलकर लगातार अखाड़े में धन का दुरुपयोग किया जा रहा है तीनों महंतो द्वारा लगातार बिना रघुमुनी महाराज की सहमति के पंच परमेश्वर के नाम के अवैध प्रस्ताव पारित किया जा रहे हैं,जो अखाड़े के संविधान और रीति-रिवाज के विरुद्ध हैं
शिकायत पत्र में यह भी बताया गया कि तीनों महंतों ने मुकामी सत्यानंद को श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़े की शाखा इंदौर गेट उज्जैन की बहुमूल्य जमीनों का सौदा करने के लिए अधिकृत किया है जो लोगों से नगदी लेकर अखाड़े की जमीनों पर अवैध बस्ती, लीज और किरयानामा पर जमीन की खुर्द बुर्द कर रहा है उज्जैन शाखा में 1 वर्ष से कोई भी लेखा-जोखा नहीं रखा जा रहा है।
हरिद्वार इलाहाबाद के जकिरा बही से एक करोड़ 50 लाख रुपए जारी करने और खर्च करने का प्रस्ताव भी किया गया है ।अखाड़े की संपत्तियों को खुर्द बुर्द किया जा रहा है फर्जी बिल बनाकर लाखों रुपए खातों से निकल जा रहे हैं।
शिकायत पत्र में बताया गया है कि दुर्गा दास के खिलाफ इलाहाबाद कुंभ मेला 2013 और हरिद्वार कुंभ मेला 2021 में एक करोड़ 80 लाख रुपए का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगा था। इसकी भी जांच होनी चाहिए।
शिकायत पत्र में यह भी अवगत कराया गया है कि अखाड़े में परंपरा रही है कि 3 साल बाद पंच परमेश्वर की पुकार से हर कुंभ मेले के लिए एक मुखिया मंहत का नाम पुकार जाता है, इस बार प्रयागराज कुंभ मेला 2025 पर बारी-बारी के हिसाब से पश्चिम पंगत के मुखिया में रघुमुनि महाराज का हक है इसके खिलाफ भी तीनों महंत द्वारा गलत प्रस्ताव लाकर अखाड़े में गलत परंपराओं की शुरुआत की जा रही है।
अब स्वतंत्र एजेंसी अखाड़े के ऑडिट करने के साथ-साथ इन सभी मामलों की जांच करके दो महीने के भीतर रजिस्ट्रार प्रयागराज को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।