स्त्रीयों का सम्मान करने की सीख देती है श्रीमद् देवी भागवत कथा -पं. अधीर कौशिक।

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। श्री अखंड परशुराम अखाड़े द्वारा परशुराम घाट पर आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराते हुए कहा कि देवी भगवती के शरीर से प्रकट होकर चंड मुड का संहार करने वाली दैवीय शक्ति को मां भगवती ने चामुंडा नाम दिया। चामुंडा देवी की पूजा करने वाले भक्त शत्रु भय सहित हर भय से सदैव मुक्त रहते हैं। भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कहा कि मां चामुण्डा देवी की उत्पत्ति साधारण मनुष्यों के लिए सीख है कि स्त्री शक्ति को कभी कमजोर समझने की भूल न करें। प्रत्येक नारी में चामुण्डा का अंश है और समय आने पर वह अपना रूप प्रकट भी कर सकती है। स्त्रियों पर अत्याचार करने वालों को एक दिन दंड भी भुगतना होगा।

श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि देवी स्वरूपा बेटियां किसी भी तरह कमजोर नहीं हैं। बेटियां अन्य क्षेत्रों के साथ सेना में सेवा देते हुए देश की रक्षा में भी योगदान कर रही हैं। पंडित अधीर कौशिक कहा कि श्रीमद् देवी भागवत कथा से सीख मिलती है कि बहू बेटी एवं प्रत्येक स्त्री का सम्मान करना चाहिए। जहां स्त्री का सम्मान होता है। वहीं मां लक्ष्मी का वास होता है।

मुख्य अतिथी निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दंर सिंह, चतुर्थ दिवस की कथा के मुख्य यजमान समाजसेवी डॉ.विशाल गर्ग, श्रीमती नरेश रानी गर्ग, शांति गुप्ता, यशपाल, रीता शर्मा, रविकांत शर्मा, शारदा, आशा चैहान ने गौरी गणेश नवग्रह, चैंसठ योगिनी, क्षेत्रपाल, सर्वतोभद्र मंडल, श्रीमद् देवी भागवत महापुराण एवं व्यास पीठ का पूजन किया।

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