महंत बनाने और हटाने का केवल भेख को अधिकार -दयानंद मुनि।

हरिद्वार प्रेस क्लब में आज प्रेस वार्ता करते हुए महंत दयानंद मुनि, उदासीन संगत फुलवारी शरीफ, पटना बिहार, सहा राष्ट्रीय धर्माचार्य षडदर्शन विश्व अखाड़ा परिषद बिहार ने कहा है कि उदासीन संप्रदाय जगदगुरु श्री चंद्र भगवान एवं निर्वाण प्रीतम देव जी महाराज सिद्ध महापुरुषों द्वारा स्थापित संविधान का उल्लंघन पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्री महंत महेश्वर दास, महंत दुर्गादास, महंत अद्वैतानंद, महंत भरत दास, महंत कल्याण दास त्यागी, कोठारी दुर्गेश दास द्वारा पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के नाम पर पदाधिकारी होने के नाते एवं संप्रदाय के बड़े नामचीन होने के नाते संप्रदाय की मर्यादा एवं संविधान के विरुद्ध कूट रचित ढंग से षडयंत्रपूर्वक संतों की हत्या कराना, मठ की संपत्ति हड़पना और भू-माफियाओं के हाथ उन्हें विक्रय करना, भोले-भाले सीधे-साधे संतो के ऊपर फर्जी केस मुकदमा लगवा देना और उदासीन संप्रदाय की मर्यादा को छिन्न-भिन्न करने का कार्य किया जा रहा है। जिसकी में कड़ी निंदा करता हूं और भारत सरकार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मैं आग्रह करता हूं कि इन लोगों के ऊपर सीबीआई जांच लगाकर इनके चल-अचल संपत्ति की जांच कराई जाए।

उन्होंने कहां की मोहंती परंपरा के हकदार कौन हैं इसका जिक्र उदासीन संप्रदाय के संविधान पेज नंबर 126-130-132-पर दर्ज है कि महंत बनाने का अधिकार उसके गुरु प्रणाली उसके गुरु परंपरा के चाचा गुरु ताऊ गुरु भतीजा चेला दादा गुरु वर्तमान महंत के खानदान से लिया जाता है लेकिन अभी श्री महंत महेश्वर दास उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा धन लेकर परंपरा को क्षतिग्रस्त करने के लिए जिसको मन उसको महंत बनाया जा रहा है और मठ मंदिर की बहुमूल्य संपत्ति को विक्रय कर धन कमाया जा रहा है।

उदाहरण ऋषि उदासीन आश्रम रानो पाली अयोध्या 50 करोड़ से अधिक की भू संपत्ति अभी तक सन 2002 से लेकर अभी तक देखी गई है । 35 अष्टधातु की मूर्तियां गायब हो गई है कल्याण दास त्यागी द्वारा एक बहुत बड़ा श्री यंत्र की स्थापना किया गया है अमरकंटक में उसकी अष्ट धातु किस दुकान से लाई गई इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। यह सभी अष्टधातु उपरोक्त ऋषि उदासीन आश्रम की मूर्तियों को गला कर लगाया गया है।

उन्होंने कहां की लगातार संप्रदाय के बिहार स्थित मठ मंदिरों के गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं स्थानीय ग्रामीण अतिक्रमण धारियों के हादसे ध्यान देकर कब्जा दिलाया जा रहा है मिट्टी बेची जा रही है जो कि संविधान विरुद्ध है 1990 से लेकर सन 2022 तक अखाड़े के क्रियाकलाप की सीबीआई ईडी भारत सरकार की उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से समीक्षा कराई जाए। ऋषि उदासीन आश्रम रनोपली अयोध्या सन 2002 से सन 2022 तक सभी संपत्ति की केंद्रीय एजेंसी से सीबीआई ईडी इत्यादि से समीक्षा कराई जाए इस संबंध में कई आवेदन राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार माननीय न्यायालय को दिए गए हैं लेकिन लोभ लालच देकर अधिकारियों से गलत तरीके से केस को सही ढंग से चलने नहीं दिया गया। आज तक इसी कालखंड में महंत रामदेव दास की गोली मारकर हत्या कर दी गई और उनके चेला महंत सागर दास को हत्या के आरोप में जेल भिजवा दिया गया । माननीय जिला न्यायाधीश ने सागर दास को बाइज्जत बरी किया। सागर दास का कहना है कि पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के सर्वोच्च महंत एवं कल्याण दास त्यागी के लोगों ने षडयंत्र पूर्वक अधिकारियों को लालच देकर उन्हें फंसाया गया था।

अखाड़े के कई पदाधिकारी ऐसे हैं जो कि अपने घरेलू संबंध रखते हैं और अखाड़े की संपत्ति को लूट कर अपने घर पहुंच आते हैं कई ऐसे भी लोग हैं जो अपने अपने निजी संपत्ति का भी संचय कर रहे हैं जैसे कि जेयेंद्र मुनि राम औषधालय कनखल के प्रबंधक हैं और पंचायती अखाड़े के कोठारी भी हैं जबकि अखाड़े के संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति 2 पदों पर आसीन नहीं रह सकता, ऐसे ही महंत महेश्वर दास ऋषि उदासीन आश्रम रानो पाली ट्रस्ट के मेंबर भी हैं और अखाड़े के महंत भी हैं महंत अद्वैतानंद भी उस ट्रस्ट में मेंबर हैं और अखाड़े के महंत हैं पूरी तरह से उदासीन संप्रदाय की मर्यादा एवं संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है और धन संचय करने के लिए त्याग वैराग्य वाले संप्रदाय को भू माफिया की दुकान बना दिया गया है इसलिए इस पर सीबीआई जांच एवं केंद्रीय सरकार की एजेंसियों से जांच कराई जाने की आवश्यकता है।

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