हरिद्वार-ऋषिकेश चारधाम यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना करीब 600 साल पुराना पौराणिक भगवान सत्यनारायण का मंदिर, जाने महत्व, देखें वीडियो…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा शुरू होने पर हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच पौराणिक सत्यनारायण मंदिर भी इन दिनों श्रद्धालुओं से गुलजार है। करीब 600 साल पुराने प्रदेश के एकमात्र सत्यनारायण भगवान के इस मंदिर को चारधाम यात्रा का पहला चरण माना जाता है। कई चारधाम यात्री यहीं से अपनी यात्रा की शुरुआत करते हैं। देखिए खास रिपोर्ट…

राज किशोर तिवारी, पुजारी।

पुराणों में भगवान सत्यनारायण की महिमा का कई बार वर्णन किया गया है। देशभर में भगवान सत्यनारायण के मंदिरों की संख्या बहुत कम है। इसलिए हरिद्वार-ऋषिकेश हाईवे के बीच स्थित सत्यनारायण भगवान के मंदिर में लोगों की अटूट श्रद्धा है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि करीब 600 साल पुराना ये मंदिर चारधाम यात्रियों की आस्था का भी केंद्र है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसी मंदिर में माथा टेक कर अपनी यात्रा आरंभ करते हैं।

रचना शर्मा, श्रद्धालु।

प्रदेश का एकमात्र सत्यनारायण मंदिर होने के कारण लोग दूर-दूर से मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं, और आए दिन यहां कथाओं और भंडारों का आयोजन चलता रहता है। श्रद्धालुओं का कहना है कि भगवान सत्यनारायण सभी की मनोकामना पूरी करते हैं।

अक्षय शर्मा, श्रद्धालु।

चारधाम को रवाना हुए यात्री गंगा स्नान के बाद हरिद्वार से निकलकर भगवान सत्यनारायण के मंदिर में शीश झुकाते हैं और फिर यात्रा का शुभारंभ करते हैं। यही कारण है कि हरिद्वार को चारधाम यात्रा का मुख्यद्वार कहा जाता है।

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