मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के दिव्य और भव्य कुंभ के फैसले का स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने किया स्वागत, पूर्व मुख्यमंत्री को लेकर क्या कहा, पढ़िए
Haridwar/Tushar Gupta
कुंभ नगरी हरिद्वार में चल रहे धर्म और आस्था के पर्व कुम्भ मेले में अब धार्मिक रंग चढ़ने लगे हैं, अखाड़ों के साधु संतों के बाद जल्द ही मेले में शंकराचार्य भी पहुंचने वाले हैं। मेला प्रशासन द्वारा शिविर लगाने के लिए शंकराचार्य जी को जमीन आवंटित कर दी गई है, 8 अप्रैल को द्वारिका एवं ज्योतिष पीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की मेले में शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिनकी व्यवस्था और तैयारियों के लिए उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद हरिद्वार पहुंच गए हैं।
कुंभ मेले के आयोजन को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि पहले कुंभ मेले को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ कह दिया था कि कोविड टेस्ट के बाद ही मेले में प्रवेश दिया जाएगा, इसके साथ ही कई तरह की शर्तें लगा दी थी, जिसके चलते स्थिति बहुत खराब थी, लोग तय नहीं कर पा रहे थे कि जो परंपराएं चली आ रही है अब उनका निर्वाहन किस प्रकार होगा, संयोग ऐसे बने की नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आए, उन्होंने जन भावनाओं को समझ कर निर्णय लिया कि कुम्भ जैसे पहले से होते आए हैं उसी तरह से भव्य और दिव्य कुंभ का आयोजन किया जाएगा, इस बात को सुनकर बहुत प्रसन्नता हुई, मेले के अधिकारियों द्वारा कल शिविर लगाने के लिए जमीन भी आवंटित कर दी है। उसके बाद पूज्य गुरुदेव शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती मध्यप्रदेश में थे, जैसे ही उन्हें भूमि आवंटन का समाचार मिला और निश्चित हुआ कि परंपरागत रूप से कुम्भ मनाया जाएगा, उसके बाद गुरु जी आज मध्य प्रदेश से चल पड़े हैं। जो वृंदावन में रुकेंगे, 6 अप्रैल को वह हरिद्वार पहुंचेंगे और 8 अप्रैल को शाही तरीके से उनकी शोभा यात्रा शहर के विभिन्न क्षेत्रों से निकाली जाएगी, शंकराचार्य जी एक महीना यहीं पर रुकेंगे, इस दौरान यज्ञ होंगे, चिकित्सा शिविर लगेंगे, भंडारे होंगे और जो भी परंपरागत रूप से धार्मिक आयोजन होते आए हैं वह सभी मेले में किए जाएंगे।
उन्होंने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का अभिनंदन करते हुए कहा कि कोरोना के नाम पर कुंभ मेले को समाप्त किया जा रहा था, कोरोना काल में चुनाव हो रहे थे ,बड़ी बड़ी रैली निकाली जा रही थी, बड़े बड़े कार्यक्रम हो रहे थे, ऐसे में कोरोना क्या बस कुंभ पर्व के लिए ही था यह प्रश्न देश के करोड़ों सनातनी जनता के मन में उत्पन्न हो रहा था, नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आए और उन्होंने इस बात को समझा और व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए भव्य और दिव्य कुंभ मेले के आयोजन को लेकर अनुमति दी, जिसका हम अभिनंदन करेंगे, उन्होंने बताया कि जल्द ही पुरी के शंकराचार्य भी हरिद्वार पहुंचने वाले हैं।