माता-पिता की सेवा से ही प्राप्त होते है पद, वैभव, ऐश्वर्य और सुख संपदा -पंडित अधीर कौशिक।

हरिद्वार। श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के संयोजन में श्री बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा के छठवें दिन कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने मां वैष्णो देवी की कथा का त्रवण कराते हुए बताया कि जम्मू क्षेत्र के कटरा गांव में श्रीधर ब्राह्मण रहते थे। जिनकी कोई संतान नहीं थी। संतान प्राप्ति के लिए श्रीधर नवरात्रि में मां भगवती की पूजा करते थे। नवमी के दिन कन्या पूजन कर रहे श्रीधर से वैष्णवी नाम की एक कन्या ने कहा कि पूरे गांव को भंडारा प्रसाद के लिए आमंत्रित करो। तुम्हें अवश्य संतान प्राप्त होगी। श्रीधर ने उस कन्या से कहा मेरे पास तो किसी को खिलाने के लिए कुछ भी नही है। वैष्णवी ने कहा कि सारी व्यवस्था में कर दूंगी तुम जाकर निमंत्रण दो, उस कन्या के कहने पर श्रीधर ने सब को निमंत्रण दिया। श्रीधर के निमंत्रण पर गांव के सारे लोग भंडारा प्रसाद पाने के लिए उनके घर आए। भंडारा चल रहा था। इसी बीच बाबा भैरवनाथ नामक एक संत वहां पहुंच गए और भंडारे में मांस एवं मदिरा की मांग करने लगे। वैष्णवी के समझाने पर भी बाबा नहीं समझे और वैष्णवी को पकड़ने का प्रयास किया तो वैष्णवी भाग करके त्रिकूट पर्वत की एक गुफा में चली गई। पीछे पीछे भैरव भी वहां पहुंच गया। तभी वैष्णवी ने काली का रूप धारण करके भैरव का वध किया। श्रीधर भी वहां पहुंच गए और मां से प्रार्थना करने लगे। तो वैष्णवी ने मां काली, मां लक्ष्मी और मां सरस्वती तीन रूप में प्रकट होकर श्रीधर को दर्शन दिए और कहा कि आज से जो भी मेरे इन तीनों रूपों का पूजन करेगा। मैं उसकी समस्त मनोकामना पूर्ण करूंगी। तभी से मां काली, मां लक्ष्मी एवं मां सरस्वती के रूप में मां वैष्णो देवी में विराजमान हैं। मां की कृपा से श्रीधर को संतान सुख मिला। शास्त्री ने बताया कि नवरात्रि में मां वैष्णो देवी की पूजा करने से समस्त मनोकामना पूर्ण होती हैं। श्री अखंड परशुराम अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने बताया इस संसार में माता पिता की सेवा से बढ़कर और कुछ भी नहीं है। मात पिता की सेवा करने से ही पद, वैभव, ऐश्वर्य और सुख संपदा की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश ने माता पिता की परिक्रमा की तो उन्हें प्रथम पूज्य का अधिकार मिला। कथा में मुख्य यजमान बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर के व्यवस्थापक सतीश वन महाराज, लाहू वन महाराज, रोहित शर्मा, सुमेश चावला, मनोज ठाकुर, संजय शर्मा, कुलदीप शर्मा, पंडित हेमंत काला, आशीष शर्मा, सत्यम शर्मा, जलज कौशिक, विष्णु गौड़, यशपाल शर्मा, भरत शर्मा, विवेक मिश्रा, उमेश कुमार, कृष्ण शर्मा बृजमोहन शर्मा, सुनील प्रजापति, चमन गिरी, सुषमा शर्मा, पूजा वशिष्ठ, संगीता शर्मा, शालू कौशिक, किरण चौधरी, बबीता शर्मा आदि ने पूजन संपन्न किया।