गंगा की दुर्दशा को लेकर गंगा संरक्षण समिति के सदस्य ने लिया बैठक बहिष्कार का निर्णय…

हरिद्वार। जिला गंगा संरक्षण समिति में उठाए जा रहे बिंदुओं पर कार्यवाही न होने एवं उन बिंदुओं पर उल्लंघन होने के लेकर जिला गंगा संरक्षण समिति के सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार रामेश्वर गौड़ ने बैठक के बहिष्कार का निर्णय लिया है। उन्होंने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर अवगत भी करा दिया है।
प्रेस को जारी बयान में रामेश्वर गौड़, सदस्य, जिला गंगा संरक्षण समिति ने कहा कि कई वर्षों से हरिद्वार में मां गंगा की पवित्रता एवं स्वच्छता के संरक्षण हेतु समिति की प्रत्येक बैठक में गंभीरतापूर्वक भाग लेता रहा हूं और लगातार गंगा प्रदूषण, अतिक्रमण, सीवर, अवैध ठेके, प्रतिबंधित गतिविधियों जैसे मुद्दों को समिति के समक्ष रखता आया हूं। किन्तु अत्यंत खेद के साथ बताना पड़ रहा है कि इन बैठकों के निर्णय आज तक केवल फाइलों तक ही सीमित रहे हैं, और जमीनी कार्यवाही नाम मात्र की भी नहीं हुई। एनजीटी के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद गंगा घाटों पर प्लास्टिक, पॉलिथीन के क्रय-विक्रय पर रोक नहीं लगी। सीवर अब भी गंगा में गिर रहा है। अवैध अतिक्रमण और अनधिकृत निर्माण आज भी बेरोकटोक जारी हैं। 28 जून 2024 के एनजीटी आदेश के बावजूद गंगा में पुष्प और कांवड़ विसर्जन प्रतिबंधित नहीं किया गया। वहीं हरिद्वार नगर निगम द्वारा पुष्प विसर्जन हेतु अवैध तरीके से करोड़ों रुपये के ठेके दिए गए हैं, जो स्पष्ट रूप से नियम विरुद्ध हैं और गंगा की पवित्रता के साथ खिलवाड़ है।
उन्होंने कहा कि हर की पौड़ी जैसी पवित्र धार्मिक भूमि को अब एक चौपाटी का रूप दे दिया गया है। वहां धर्म के नाम पर व्यावसायिक गतिविधियाँ धड़ल्ले से चल रही हैं, जिन पर कोई नियंत्रण नहीं है।
इन सब कारणों से मैं इस बार की बैठक में सम्मिलित नहीं हो रहा हूं, क्योंकि यह केवल औपचारिकता बनकर रह गई है और मैं मां गंगा के अपराध में सहभागी नहीं बनना चाहता। रामेश्वर गौड़ ने कहा कि जब तक मेरे द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर ठोस कार्यवाही नहीं की जाती, मैं जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक का बहिष्कार करता रहूंगा।

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