हकलाना (Stammering) व तुतलाने का आयुर्वेदिक उपचार बता रहे है दीपक वैद्य
🍃 Arogya🍃
————————-
हकलाकर या अटक -अटक कर बोलना , दोनों का मतलब एक ही है – वाक् शक्ति में गड़बड़ी , जिसमे बोलनेवाला , बोलते-बोलते रुक जाता है , बोले हुए शब्दों को दोहराता है या लम्बा कर के बोलता है |
हकलाहट के आयुर्वेदिक उपचार –
1. हकलाहट दूर करने के लिए 10 बादाम तथा 10 काली मिर्च थोड़ी सी मिश्री के साथ पीसकर प्रातःकाल एक गिलास गर्म दूध के साथ लें, यह प्रयोग कम से कम दस दिन करें |
2. गाय का घी हकलाहट दूर करने का एक उत्तम उपचार मन जाता है | 3-6 ग्राम घी में प्रतिदिन मिश्री मिलकर सुबह-शाम चाटें और ऊपर से गाय का दूध पियें | लगातार कुछ महीनों तक इसका सेवन करने से हकलाना बंद हो जाता है |
3. बच्चों को एक ताज़ा आंवला प्रतिदिन चबाने के लिए दें | इससे उनकी जीभ पतली और आवाज़ साफ होती है तथा उनका हकलाना और तुतलाना दूर हो जाता है |
4. रात को 10 बादाम पानी में भिगो दें | सुबह उनके छिलके उतार कर पीस लें, और उन्हें 30 ग्राम मक्खन के साथ सेवन करने से भी हकलाहट में लाभ होता है |
Dr.(Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar [email protected]
9897902760