हरकी पौड़ी पर अब बेची जाएंगी बांस-कांच की गंगाजली, हाथ से बनी जूट और कपड़े की चटाई, प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने को नगर निगम की पहल, जानिए, देखें वीडियो…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार स्थित विश्वप्रसिद्ध हरकी पौड़ी पर एनजीटी की ओर से प्लास्टिक की कैन और सिंगल यूज प्लास्टिक की बिक्री पर रोक लगाई गई है। बावजूद इसके हरकी पौड़ी पर धड़ल्ले से प्लास्टिक कैन बेची जा रही है और बाहर से आने वाले यात्री भी इन प्लास्टिक कैनो में भरकर गंगाजल ले जाते हैं। हालांकि अब नगर निगम ने प्लास्टिक कैन का विकल्प तैयार करने को लेकर योजना बनाई है।

हरिद्वार नगर निगम ने हरकी पौड़ी और दूसरे गंगा घाटों पर प्लास्टिक कैन और प्लास्टिक की चटाई का इस्तेमाल बंद करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूह के साथ मिल कर प्लास्टिक कैन का विकल्प तैयार किया है। जिसमें महिलाओं के समूह कांच, स्टील और बांस की बोतल तैयार करके हरकी पौड़ी पर बेचेंगे। इससे एक तरफ महिलाओं को रोजगार मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ यात्री प्लास्टिक कैन का इस्तेमाल करने से परहेज करेंगे।

हालांकि समय-समय पर अधिकारियों की टीम प्लास्टिक कैन और प्लास्टिक चटाई बेचने वालों पर चालान की कार्रवाई करती है। लेकिन प्रशासनिक कार्यवाही नाकाफी साबित हो रही है। हरिद्वार के नगर आयुक्त का कहना है कि जल्दी ही महिलाओं के समूह के साथ मिलकर इन उत्पादों की बिक्री शुरू कर दी जाएगी और मांग बढ़ने के साथ इनका उत्पादन भी बढ़ा दिया जाएगा। उम्मीद है कि लोग जागरूक होकर प्लास्टिक कैन के बदले इन वस्तुओं का इस्तेमाल गंगाजल ले जाने के लिए करेंगे।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के साफ आदेश है कि हरकी पौड़ी पर प्लास्टिक की कैन और चटाई नहीं बेची जाएगी। प्रशासन आज तक एनजीटी के आदेशों को धरातल पर नहीं उतार सका है। हालांकि नगर निगम कि यह योजना अगर सही ढंग से लागू हुई तो गंगा घाटों पर प्लास्टिक से होने वाली गंदगी जरूर कम हो जाएगी।

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