27 अप्रैल का कुंभ स्नान होगा सांकेतिक – नवल किशोर दास

 हरिद्वार /तुषार गुप्ता

कोरोना की महामारी हरिद्वार महाकुंभ में एक ग्रहण की तरह धमकी है। पूरे भारतवर्ष में कोरोना बीमारी दोबारा अपने चरम पर है। वही धर्म नगरी में चल रहे महाकुंभ मैं अभी एक स्नान श्रेष्ठ है जिसमें करो ना के काले बादल उसे रोकने के लिए मंडरा रहे हैं। वहीं कई अखाड़ों ने महाकुंभ समापन की घोषणा कर दी है तो कई अखाड़ों द्वारा सरकार से इसे विधि विधान से करने की प्रार्थना की है। वहीं प्रधानमंत्री द्वारा आचार्य श्री महामंडलेश्वर से बातचीत करते हुए महाकुंभ को प्रतीकात्मक रखने की अपील की इसी बीच 27 अप्रैल का शाही स्नान बैरागी द्वारा सांकेतिक रूप में किया जाएगा जिसमें कुछ ही लोग को कोरोना का ऐलान पालन करते हुए स्नान कराया जाएगा।

 

 

 

27 तारीख को किए जाने वाले स्नान पर वैरागी के श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री नवल किशोर दास जी महाराज का कहना है कि कुछ अखाड़ों ने कुंभ समापन की बात कही है वह ठीक नहीं है 13 अखाड़ों का अखाड़ा परिषद है माननीय प्रधानमंत्री जी ने आचार्य श्री से बात की और आचार्य श्री को 13 अखाड़ा से मिलकर कोई निर्णय लेना था तो ज्यादा उचित होता। कोविड  से जन हानि हो रही है यह हम मानते हैं और उसकी पीड़ा हम सबको है। 27 तारीख को तीनों वैष्णवी अनी अखाड़ा, संभवता से दोनों उदासीन और निर्मल यह अखाड़े स्नान अवश्य करेंगे और हो सकता है कि बाकी के भी अखाड़े अपने देवताओं के साथ स्थान करे। कोरोना महामारी को देखते हुए कोरोना महामारी को देखते हुए और सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए हमारा यह स्नान सांकेतिक रूप में होगा मतलब कि हर वैष्णवी अनी अखाड़े से कुछ ही महामंडलेश्वर स्नान करेंगे। उन्होंने अंत में यह भी कहा कि हम लोगों से अपील करते हैं कि वह घर पर ही रहे और घर बैठकर ही स्नान करें ताकि करो ना आप जैसी महामारी से हम सब विजय पा सके।

 

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