अखाड़ा परिषद महामंत्री ने लता मंगेशकर के निधन पर जताया शोक, आत्मशांति के लिए की विशेष प्रार्थना, जानिए…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री एवं श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने देश की शान स्वर कोकिला लता मंगेशकर के आकस्मिक निधन पर दुःख जताते हुए श्रद्वांजलि दी। जूना अखाड़ा के देश भर मे फ़ैली विभिन्न शाखाओं पर स्व.लता मंगेशकर की आत्म शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना की गईं। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने लता मंगेशकर को सुरों की दुनिया का अनमोल रत्न बताते हुए कहा कि स्व.लता का जाना सभी के लिए काफी स्तब्धकारी है। उन्होंने कहा कि लता मंगेशकर स्वर, सनातन संस्कृति, सात्विक जीवन की प्रतिमूर्ति थी। लता मंगेशकर की गायिकी की तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती। सदियों में कभी एक बार इस तरह की विभूति इस धरती पर जन्म लेती हैं। लता मंगेशकर को संगीत और सुरों का दिव्य अवतार बताते हुए जूना अखाड़ा सहित संत समाज की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्वांजलि दी गई। जूना अखाड़ा के अन्य संतो ने भी सुर समाज्ञी लता मंगेशकर के आकस्मिक निधन पर शोक जताते हुए इसे देश की क्षति बताया। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया कि स्वर कोकिला की आत्म शांति के लिए देशभर में फैली जूना अखाड़ा की विभिन्न शाखाओं में विशेष पूजा-अर्चना की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!