लगातार बढ़ रही है सिटी स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में मेंबरशिप लेने वालों की संख्या, मात्र डेढ़ महीने में मेंबरों की संख्या हुई 350 की पार…

हरिद्वार। हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के हरिद्वार स्पोर्ट्स कंपलेक्स में मेंबरशिप लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उद्घाटन के महज़ डेढ़ महीने में ही एकेडमिक के खिलाड़ियों और दूसरी स्पोर्ट्स एक्टिविटीज के मेंबर्स की संख्या 350 के पार पहुंच गई है। लोग अफॉर्डेबल प्राइस में आधुनिक सुविधाओं से लैस उपकरणों के साथ स्पोर्ट्स एक्टिविटीज कर रहे हैं। साथ ही खिलाड़ी भी इंटरनेशनल कोच से ट्रेनिंग पाकर अपनी प्रतिभा को धार दे रहे हैं।

हर बारीकी समझाते हैं कोच…
स्पोर्ट्स कंपलेक्स की बैडमिंटन एकेडमी में ट्रेनिंग ले रहे खिलाड़ी कनिष्क और वेदांश का कहना है कि पहले वे दूसरी ekwdmi में ट्रेनिंग के लिए जाते थे। लेकिन एकेडमी का इंफ्रास्ट्रक्चर उतना अच्छा नहीं था, साथ ही कोच भी लोकल थे। लेकिन अब उन्होंने हरिद्वार स्पोर्ट्स कंपलेक्स की एकेडमी में एडमिशन लिया है। तब से उनके खेल में लगातार सुधार हो रहा है। नेशनल और इंटरनेशनल कोच खेल की हर बारीकी को समझाते हैं और लगातार उनकी प्रेक्टिस जारी रहती है।

बड़े शहरों में खर्च होती है मोटी रकम…
बच्चों के अभिभावक भी हरिद्वार स्पोर्ट्स कंपलेक्स की सुविधाओं से बेहद संतुष्ट दिख रहे हैं। अपने बच्चों की ट्रेनिंग के दौरान उनके साथ पहुंचे अशोक बेलवाल का कहना है कि हरिद्वार जैसे शहर में इस तरह की सुविधाओं का मिलना खुशी की बात है। क्योंकि देखने में आता है कि दूसरे लोग बड़े शहरों में ऐसी सुविधाओं के लिए मोटी रकम खर्च करते हैं। लेकिन हरिद्वार स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में उनके बच्चे काफी रीजनेबल दामों पर अच्छा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

बच्चों के खेल में हो रहा सुधार…
बैडमिंटन की कोच लावण्या वेद और फुटबॉल के कोच निशांत खड़का के मुताबिक एकेडमी के स्टूडेंट को ऑन कोर्ट और ऑफ कोर्ट हर तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। बच्चों को ग्रासरूट लेवल से खेल की हर बारी की सिखाई जाती है। इसलिए बेहद कम समय में इन खिलाड़ियों के खेल में सुधार होता हुआ नजर आ रहा है। इन बच्चों में से ही आगे चलकर नेशनल और इंटरनेशनल मैच में खेलने वाले खिलाड़ी तैयार होंगे।
न्यूनतम रखी गई है फीस…
हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने जानकारी दी कि महज़ डेढ़ महीने में 350 से ज्यादा लोग स्पोर्ट्स और एकेडमी के साथ जुड़ गए हैं। यह आंकड़ा लगातार पर रहा है। कहा जा सकता है कि हरिद्वार में जो एक्सपेरिमेंट किया गया था वह सक्सेस हुआ है। उन्होंने कहा कि पूरे परिसर में मेंटेनेंस का प्राथमिक तौर पर ध्यान रखा जा रहा है। साथ ही सभी सेवाओं के चार्ज भी न्यूनतम रखे गए हैं। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सके।